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CBI court sentenced Former special assistant of UCO Bank to 3 years imprisonment in bank fraud case ann


Bank Fraud Case: CBI कोर्ट ने यूको बैंक, फ्रेजर रोड शाखा, पटना के पूर्व विशेष सहायक ए. के. बिस्वास को बैंक धोखाधड़ी के मामले में तीन साल की कठोर कैद की सजा सुनाई और छह लाख रुपये का जुर्माना लगाया है.

दरअसल, CBI ने 20 जनवरी 1992 को ए. के. बिस्वास और अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया था. जांच में सामने आया कि 1986 से 1989 के बीच उन्होंने यूको बैंक में फर्जी खाते खोले और बैलेंस बढ़ाकर धोखाधड़ी से पैसे निकाले.

कैसे की गई धोखाधड़ी?
1983 से 1991 तक ए. के. बिस्वास ने यूको बैंक, पटना में विशेष सहायक के रूप में काम किया. इस दौरान उन्होंने बैंक के खातों से 25,70,073 रुपये की हेराफेरी की. जाली और फर्जी डेबिट वाउचर बनाकर पैसे निकाले गए. मात्र 25 रुपये जमा कर बचत खाता खोला, जिसका परिचय खुद उन्होंने दिया. लेजर शीट में फर्जी क्रेडिट एंट्री करके अपने ही खाते से पैसे निकाले.

तीन अलग-अलग केस, फिर एक में बदला
शुरुआत में इस मामले में तीन अलग-अलग केस दर्ज हुए थे. लेकिन तीनों में आरोप और गवाह समान होने के कारण एक ही केस में मिला दिया गया. CBI ने जांच पूरी करने के बाद चार्जशीट दाखिल की. 22 जून 2006 को कोर्ट ने आरोप तय किए. करीब 19 साल तक चली सुनवाई के बाद, कोर्ट ने ए. के. बिस्वास को दोषी करार दिया. उन्हें तीन साल की कठोर कैद और छह लाख रुपये का जुर्माना दिया गया.

बैंक धोखाधड़ी पर सरकार का सख्त रुख
भारत में बैंकिंग घोटालों के कई बड़े मामले सामने आए हैं, जिससे सरकारी और निजी बैंकों को करोड़ों रुपये का नुकसान हुआ है. नीरव मोदी, विजय माल्या जैसे मामलों के बाद सरकार ने बैंकिंग सिस्टम को मजबूत करने के लिए कड़े कदम उठाए हैं. CBI लगातार बैंक घोटालों की जांच कर रही है, ताकि अपराधियों को सजा मिले और जनता का बैंकों पर विश्वास बना रहे.

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