CBI court convicted former Chandigarh Police DSP Ram Chander Meena and Aman Grover in 70 lakh bribery case sentenced 4 to 7 years imprisonment ann
सीबीआई की विशेष अदालत ने 70 लाख रुपये की रिश्वतखोरी के मामले में चंडीगढ़ पुलिस के पूर्व डीएसपी राम चंदर मीणा और निजी व्यक्ति अमन ग्रोवर को दोषी करार देते हुए 4 से 7 साल की सजा सुनाई है. अदालत ने राम चंदर मीणा को 7 साल की कठोर कारावास (RI) और 1 लाख रुपये जुर्माना जबकि अमन ग्रोवर को 4 साल की सजा और 20,000 रुपये जुर्माना देने का आदेश दिया है.
सीबीआई ने 2015 में किया था मामला दर्ज
यह मामला 13 अगस्त 2015 को दर्ज किया गया था. जांच के दौरान सामने आया कि चंडीगढ़ पुलिस के तत्कालीन डीएसपी राम चंदर मीणा और एक अन्य एसआई ने आर्थिक अपराध शाखा (EOW) में दर्ज एक मामले में शिकायतकर्ता के माता-पिता को गिरफ्तार न करने के लिए 70 लाख रुपये की रिश्वत मांगी थी. इस मामले में निजी व्यक्ति अमन ग्रोवर भी शामिल था, जिसने पुलिस अधिकारियों की ओर से रिश्वत की मांग की थी.
सीबीआई ने बिछाया जाल, रंगे हाथों पकड़े गए आरोपी
सीबीआई ने शिकायत मिलने के बाद एक जाल बिछाया और 13 अगस्त 2015 को अमन ग्रोवर को 40 लाख रुपये नकद और 30 लाख रुपये के पोस्टडेटेड चेक के साथ रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया. यह पैसा आरोपियों ने शिकायतकर्ता से चंडीगढ़ पुलिस के अधिकारियों की ओर से लिया था.
चार्जशीट और सुनवाई
जांच पूरी करने के बाद 9 अक्टूबर 2015 को सीबीआई ने विशेष न्यायाधीश, सीबीआई मामलों की अदालत, चंडीगढ़ में चार्जशीट दाखिल की. मुकदमे के दौरान मामले में शामिल एसआई की मृत्यु हो गई जिसके कारण उनके खिलाफ कार्यवाही समाप्त कर दी गई.
कोर्ट का फैसला
लगभग 10 साल तक चले मुकदमे के बाद विशेष अदालत ने 28 मार्च 2025 को डीएसपी राम चंदर मीणा और अमन ग्रोवर को दोषी ठहराया और 29 मार्च 2025 को उन्हें सजा सुनाई.
रिश्वतखोरी पर सीबीआई का सख्त रुख
सीबीआई लगातार भ्रष्टाचार और रिश्वतखोरी के मामलों पर सख्त कार्रवाई कर रही है. पिछले कुछ वर्षों में कई बड़े पुलिस और सरकारी अधिकारियों पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं और सीबीआई ने इन पर शिकंजा कसा है. चंडीगढ़ पुलिस के पूर्व डीएसपी को मिली यह सजा एक कड़ा संदेश है कि भ्रष्टाचार करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा.
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