CBI arrested Senior General Manager of PGCIL and DGM of KECIL while taking bribe ANN
Power Grid Bribery Case: केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ने पावर ग्रिड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (PGCIL) के सीनियर जनरल मैनेजर (Sr. GM) उदय कुमार और KEC इंटरनेशनल लिमिटेड (KECIL) के डिप्टी जनरल मैनेजर (DGM) सुमन सिंह को 2.4 लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया है.
CBI ने यह कार्रवाई उस समय की, जब KEC इंटरनेशनल के अधिकारी सुमन सिंह ने पावर ग्रिड कॉरपोरेशन के अधिकारी उदय कुमार को ठेके से जुड़े बिल पास कराने के लिए रिश्वत दी.
FIR में सात आरोपी नामजद
CBI की ओर से दर्ज FIR में कुल सात लोगों को आरोपी बनाया गया है:
उदय कुमार – सीनियर जनरल मैनेजर, PGCIL, अजमेर (गिरफ्तार)
सुमन सिंह – डिप्टी जनरल मैनेजर, KEC इंटरनेशनल, जयपुर (गिरफ्तार)
जबराज सिंह – वाइस प्रेसिडेंट और हेड, ट्रांसमिशन एंड डिस्ट्रीब्यूशन (T&D), नॉर्थ इंडिया, KEC इंटरनेशनल
अतुल अग्रवाल – सीनियर मैनेजर, फाइनेंस एंड अकाउंट्स, KEC इंटरनेशनल, जयपुर
आशुतोष कुमार – कर्मचारी, KEC इंटरनेशनल, सीकर
KEC इंटरनेशनल लिमिटेड, मुंबई (कंपनी के रूप में नामजद)
अन्य अज्ञात सरकारी और निजी अधिकारी
CBI ने ऐसे किया खुलासा
CBI को सूचना मिली थी कि PGCIL के अधिकारी, KEC इंटरनेशनल के अधिकारियों के साथ मिलकर ठेके से जुड़े बिल पास कराने के बदले रिश्वत ले रहे थे. इसके बाद, CBI ने 19 मार्च 2025 को मामला दर्ज कर जांच शुरू की. ट्रैप लगाकर जैसे ही सुमन सिंह ने उदय कुमार को 2.4 लाख रुपये की रिश्वत दी, टीम ने तुरंत दोनों को गिरफ्तार कर लिया.
CBI की छापेमारी में बरामद हुए दस्तावेज
गिरफ्तारी के बाद CBI ने सीकर, जयपुर और मोहाली में आरोपियों के ठिकानों पर छापा मारा. इस दौरान कई महत्वपूर्ण दस्तावेज, डिजिटल उपकरण और अन्य आपत्तिजनक सामग्रियां बरामद की गईं.
PGCIL और KEC इंटरनेशनल क्या हैं?
पावर ग्रिड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (PGCIL): यह भारत सरकार के विद्युत मंत्रालय के अधीन एक सार्वजनिक कंपनी है, जो देशभर में बिजली ट्रांसमिशन का कार्य करती है.
KEC इंटरनेशनल लिमिटेड (KECIL): एक निजी कंपनी, जो इंफ्रास्ट्रक्चर और पावर ट्रांसमिशन के क्षेत्र में कार्यरत है.
भ्रष्टाचार पर CBI की सख्त कार्रवाई
CBI ने कहा है कि इस मामले की पूरी जांच की जाएगी और अन्य दोषियों की भूमिका की भी जांच होगी. बता दें कि सरकारी संस्थानों में बिल पास कराने के लिए रिश्वतखोरी एक गंभीर समस्या बन चुकी है. अब देखना होगा कि CBI की इस कार्रवाई से सरकारी ठेकों में होने वाले भ्रष्टाचार पर कितना असर पड़ता है.