Cauvery Water Dispute Tamil Nadu Minister On Water Management Authority Decision Of Release 5000 Cusecs
Cauvery Water Dispute: तमिलनाडु के जल संसाधन मंत्री एस दुरईमुरुगन ने मंगलवार (29 अगस्त) को कावेरी जल प्रबंधन प्राधिकरण (CWMA) के उस फैसले की आलोचना की, जिसमें कर्नाटक को 5,000 क्यूसेक पानी छोड़ने का आदेश दिया गया था. एस दुरईमुरुगन ने कावेरी जल पैनल के फैसले को “सुस्त” बताया. मंत्री ने कहा कि तमिलनाडु में फसलों को बचाने के लिए 10 दिनों तक रोजाना 24,000 क्यूसेक पानी छोड़ा जाना चाहिए.
इंडिया टु़डे की रिपोर्ट के अनुसार दुरई मुरुगन ने कहा, “हम बस फसलों को बचाना चाहते हैं. मौसम की बारिश न होने की वजह से पानी की कमी है. अधिक बारिश होने पर कितना पानी छोड़ा जाए, इसकी भी गणना होती है. इसी तरह, हम कमी के दौरान भी पानी के बंटवारे का एक निश्चित आधार चाहते हैं. समिति ने 15 दिनों के लिए 5000 क्यूसेक पानी छोड़ने की सिफारिश की है, जो फसलों को बचाने के लिए 10 दिनों तक 24,000 क्यूसेक छोड़ने की हमारी मांग के उलट है. कावेरी जल प्राधिकरण सुस्त हैं.”
सुप्रीम कोर्ट में मामला उठाएगी तमिलनाडु सरकार
मंत्री ने कहा कि तमिलनाडु सरकार इस मामले को सुप्रीम कोर्ट में उठाएगी. शुक्रवार (1 अगस्त) को तमिलनाडु-कर्नाटक के बीच कावेरी जल प्रबंधन विवाद को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होनी है. इसके पहले कावेरी जल प्रबंधन प्राधिकरण ने मंगलवार (29 अगस्त) को अपनी बैठक की जिसमें उसने कर्नाटक और तमिलनाडु दोनों का पक्ष सुना था. इसके साथ ही कावेरी जल विनियमन समिति (सीडब्ल्यूआरसी) की सिफारिश पर भी ध्यान दिया था.
तमिलनाडु की ये है मांग
तमिलनाडु ने 24,000 क्यूसेक कावेरी जल छोड़ने की मांग की है. इस मामले में तमिलनाडु सरकार सुप्रीम कोर्ट भी गई है, जिस पर सुनवाई होनी है. कर्नाटक सरकार ने तमिलनाडु की याचिका का विरोध करते हुए कहा था कि कर्नाटक के जलाशयों में पानी नहीं आ रहा, इसलिए वह पानी नहीं छोड़ सकती है.
इसके पहले सीडब्ल्यूआरसी ने सोमवार को कर्नाटक को हर दिन 5,000 क्यूसेक पानी छोड़ने की सिफारिश की थी, जिसके बाद मंगलवार को कावेरी जल प्रबंधन प्राधिकरण की बैठक हुई. बैठक के बाद कर्नाटक को अगले 15 दिनों तक रोजाना 5000 क्यूसेक पानी छोड़े जाने का निर्देश दिया गया.
यह भी पढ़ें
11 सीटें और जेडीएस का वोटबैंक…, कावेरी जल विवाद में बीजेपी को कैसे मिला सियासी अमृत?