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Caught leopard in Jalore of Rajasthan after 9 hour rescue operation ANN


Leopard In Jalore: राजस्थान के जालोर जिले के आहोर के कोटड़ा गांव में सोमवार को एक तेंदुए (लेपर्ड) ने दहशत फैला दी. इस खूंखार जानवर ने महज 20 मिनट के भीतर दो ग्रामीणों पर हमला कर दिया, जिससे वे गंभीर रूप से घायल हो गए. स्थानीय लोगों ने सतर्कता दिखाते हुए लेपर्ड को एक कमरे में बंद कर दिया और तुरंत वन विभाग को सूचित किया. इसके बाद जोधपुर से आई रेस्क्यू टीम ने 9 घंटे के कड़े ऑपरेशन के बाद तेंदुए को ट्रैंकुलाइज कर पिंजरे में कैद कर लिया.

सुबह 8 बजे हमला, दो लोग गंभीर रूप से घायल

जानकारी के अनुसार, सुबह करीब 8 बजे कोटड़ा गांव में 63 वर्षीय चेलाराम सरगरा अपने खेत में अरंडी की फसल की निगरानी कर रहे थे. इसी दौरान पहाड़ी की ओर से आए तेंदुए ने उन पर हमला कर दिया. तेंदुए के पंजे से चेलाराम के सिर पर गंभीर चोट आई, जिससे वे लहूलुहान हो गए. उनकी चीख-पुकार सुनकर तेंदुआ वहां से भाग गया, लेकिन कुछ ही देर में उसने गांव में एक अन्य महिला पर हमला कर दिया. 58 वर्षीय लीला देवी पत्नी वजाराम अपने घर के आंगन में घरेलू काम कर रही थीं, तभी अचानक तेंदुआ उनके घर में घुस आया और उन पर हमला कर दिया. उसने लीला देवी के चेहरे, पैर और पीठ पर पंजे मारकर गंभीर रूप से घायल कर दिया. हमले के बाद लीला देवी जोर-जोर से चिल्लाने लगीं, जिसके बाद आसपास के लोग दौड़कर मौके पर पहुंचे.

गांव वालों ने किया लेपर्ड को कमरे में बंद

गांव में अचानक तेंदुए के आने से हड़कंप मच गया. हमले के बाद भागते हुए तेंदुआ लीला देवी के घर के एक कमरे में घुस गया और चारपाई के नीचे छिप गया. मौके पर मौजूद ग्रामीणों ने सूझबूझ दिखाते हुए कमरे का दरवाजा बंद कर दिया और वन विभाग को सूचना दी. गंभीर रूप से घायल दोनों लोगों को आहोर के सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां डॉक्टरों ने बताया कि लीला देवी के जख्म इतने गहरे थे कि उन्हें 16 टांके लगाने पड़े.

जोधपुर से आई रेस्क्यू टीम, 9 घंटे चला ऑपरेशन

वन विभाग की सूचना पर जोधपुर से रेस्क्यू टीम बुलाई गई. दो कमांडो के साथ आई टीम ने दोपहर 1 बजे ऑपरेशन शुरू किया. सबसे पहले टीम ने कमरे के गेट पर पिंजरा लगाया, लेकिन तेंदुआ बाहर नहीं निकला. तीन घंटे के इंतजार के बाद टीम ने कमरे के सीमेंट शेड को तोड़ने का फैसला किया. शाम 5:20 बजे टीम ने ट्रैंकुलाइजर गन का इस्तेमाल कर तेंदुए को बेहोश किया और पिंजरे में डाल लिया. डीएफओ जयदेव सिंह चारण ने बताया कि तेंदुए को आहोर वन विभाग कार्यालय ले जाया गया है. वहां मेडिकल जांच के बाद उच्च अधिकारियों के निर्देश पर उसे जंगल में छोड़ दिया जाएगा. भाद्राजून वन विभाग नाका प्रभारी संतोष राठौड़ के अनुसार, 3 मार्च को भाद्राजून के बाला गांव के आसपास तेंदुए के पगमार्क मिले थे. वन विभाग ने तेंदुए को पकड़ने के लिए उस समय पिंजरा लगाया था, लेकिन वह पकड़ा नहीं गया.

ग्रामीणों में दहशत, वन विभाग से की सुरक्षा की मांग

तेंदुए के हमले और उसके गांव में घुस जाने से ग्रामीणों में दहशत है. लोगों ने वन विभाग से इलाके में सुरक्षा बढ़ाने और तेंदुए की गतिविधियों पर नजर रखने की मांग की है. विभाग ने कहा कि क्षेत्र में गश्त बढ़ाई जाएगी और पगमार्क की निगरानी की जाएगी, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके.

(जालोर से हीरालाल भाटी की रिपोर्ट)



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