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cancer patient death case in IGMC SHIMLA Jai Ram Thakur attack Himachal government ANN


Himachal Pradesh News: इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज में कैंसर मरीज की मौत पर बेटी ने सवाल उठाए हैं. जाह्नवी शर्मा का आरोप है कि पिता की मौत वक्त पर इंजेक्शन नहीं मिलने की वजह से हुई है. बता दें कि दिसंबर महीने में कैंसर के मरीज देव राज शर्मा की मौत हो गई थी. देव राज शर्मा के परिवार ने हिमाचल प्रदेश की हिम केयर योजना के तहत स्वास्थ्य बीमा का कार्ड बनाया हुआ था. मरीज को सभी दवाएं हिम केयर योजना योजना के तहत दी जानी थी. लेकिन 50 हजार रुपये का एक इंजेक्शन परिवार को नहीं मिल पा रहा था.

जाह्नवी ने बताया कि दो महीने तक अस्पताल का चक्कर काटा. हर बार दो दिन बाद आने को कहा गया. ज्यादा जल्दी होने पर कहा गया कि इंजेक्शन बाहर से ला सकते हैं. जाह्नवी ने कहा कि पिता की कमाई से घर का खर्च चलता था. परिवार की आर्थिक स्थिति बाहर से इंजेक्शन लाने की नहीं थी. इंजेक्शन के पैसा इकट्ठा होने तक पिता की 3 दिसंबर को मौत हो गई. प्रदेश सरकार के प्रवक्ता ने आरोपों को तथ्यहीन बताया है. उन्होंने कहा कि मामले को तोड़-मरोड़कर पेश किया जा रहा है. देव राज शर्मा के परिवार का आरोप राजनीति से प्रेरित है.

कैंसर मरीज की मौत पर क्या बोली सरकार?

प्रवक्ता ने कहा है कि परिवार के सदस्य का बिछड़ना वेदनापूर्ण होता है. देवराज शर्मा के निधन से परिवार को अपूर्णीय क्षति हुई है. प्रदेश सरकार की संवेदनाएं परिवार के साथ हैं. 57 वर्षीय देवराज शर्मा का इंदिरा गांधी चिकित्सा महाविद्यालय के ऑन्कोलॉजी विभाग में कार्सिनोमा पैलेट का उपचार चल रहा था. कीमो-रेडिएशन से स्वास्थ्य लाभ भी हुआ. दुर्भाग्यवश बीमारी की पुनरावृति होने पर पेलिएटिव कीमोथैरेपी से दोबारा इलाज शुरू किया गया. मरीज पर पेलिएटिव कीमोथैरेपी प्रभावी नहीं रहा. मरीज को इम्यूनोथैरेपी आधारित इंजेक्शन का परामर्श दिया गया. इम्यूनोथैरेपी तीन चरणों में दी जानी थी.

मरीज को पहली इम्यूनोथैरेपी 22 अक्तूबर, 2024 को दी गई. अगली इम्यूनोथैरेपी के शैड्यूल से पहले ही मरीज की मौत हो गई. जन औषधी दुकान के फार्मासिस्ट ने तीन- चार दिनों में इंजेक्शन नीमोटूजूमाव (बायोमाव) की उपलब्धता का पता करने को कहा था.  आपूर्तिकर्ता को इंजेक्शन सप्लाई का ऑर्डर जारी हो चुका था. मरीज के परिजन जन औषधी दुकान पर इंजेक्शन या दवाइयां लेने नहीं आए. इंजेक्शन काफी महंगा होता है. इसलिए डॉक्टर के परामर्श पर वैंडर्ज से लिया जाता है. वित्त वर्ष के दौरान मुफ्त इलाज पर 1 लाख 79 हजार रुपये का खर्च आया.

मरीज का हिमकेयर कार्ड संख्या- 02080387666071123 को 13 नंवबर को दोबारा एक्टिव किया गया. राज्य सरकार की ओर से आरोपों को भ्रामक बताया जा रहा है. रविवार को मृतक देवराज शर्मा की बेटी ने नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर से शिमला में आधिकारिक आवास पर मुलाकात की. जयराम ठाकुर ने संवेदना जताते हुए कहा, “सरकार की लापरवाही से जाह्नवी के पिता की जान गई है. सरकार नाकामी स्वीकार करने की बजाय पीड़ित परिवार पर आरोप लगाकर और भी बड़ा पाप कर रही है. एक बेटी के सिर से पिता का साया उठ गया है. सरकार घटिया राजनीति कर रही है. प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री धनीराम शांडिल कह रहे हैं कि इंजेक्शन उपलब्ध नहीं था.”

जयराम ठाकुर की CM सुक्खू को नसीहत

उन्होंने कहा कि सरकार बयान जारी करवा कर साबित करना चाह रही है कि पीड़िता इंजेक्शन लेने नहीं आई. नेता प्रतिपक्ष ने कहा, “सरकार ने पैसा खर्च कर कोई एहसान नहीं किया है. पीड़ित परिवार ने हिमकेयर का प्रीमियम भरा है. इसलिए सरकार एहसान जताना बंद करे. घटना की पुनरावृत्ति रोकने का सरकार प्रबंध करे.” जयराम ठाकुर ने सरकार की संवेदनहीनता बताते हुए मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह से अंतरात्मा की आवाज सुनने की अपील की.



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