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Canada Asked US To Publicly Condemn Murder Of Hardeep Singh Nijjar But Overtures Were Rebuffed | निज्जर हत्या मामले पर कनाडा बोला


India Vs Canada: खालिस्तान समर्थकों के खिलाफ भारत के दो टूक रवैये के चलते कनाडा के साथ संबंध तनावपूर्ण स्थिति में हैं. इस बीच एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि अमेरिका ने सिख अलगाववादी नेता की हत्या के मामले में जांच के परिणामों की घोषणा करने में कनाडा के साथ शामिल होने में इनकार कर दिया है. 

वाशिंगटन पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले दिनों कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने उन आरोपों को हवा दी थी कि ब्रिटिश कोलंबिया में एक सिख अलगाववादी नेता की हत्या के पीछे भारतीय अधिकारी हो सकते हैं.

कनाडा ने अमेरिका समेत अपने करीबी सहयोगियों से सार्वजनिक रूप से हत्या की निंदा करने के लिए कहा था. इस पर बाइडेन प्रशासन और उसके सहयोगियों ने कूटनीति संतुलन के मद्देनजर कनाडा के प्रस्ताव को खारिज कर दिया क्योंकि इससे वे चीन के लिए एक महत्वपूर्ण जवाब के रूप में देखी जाने वाली एशियाई शक्ति (भारत) को कटघरे में लाने का काम करते.

फाइव आईज के अधिकारियों ने निजी तौर पर उठाया था निज्जर की हत्या का मामला

रिपोर्ट के मुताबिक, खुफिया गठबंधन फाइव आईज में शामिल देशों के वरिष्ठ अधिकारियों ने दिल्ली में हुए जी20 शिखर सम्मेलन से पहले के हफ्तों में निजी तौर पर कनाडाई नागरिक हरदीप सिंह निज्जर की कथित हत्या का मामला उठाया था. बता दें कि भारत ने निज्जर को आतंकी घोषित किया था, जिसकी 18 जून को कथित तौर पर हत्या हुई थी.

रिपोर्ट में कहा गया कि एक पश्चिमी अधिकारी ने राजनयिक संवेदनशील के कारण नाम ने प्रकाशित करने की शर्त पर कहा कि जी20 बैठक से पहले सार्वजनिक रूप से मामले का जिक्र नहीं किया गया. पश्चिमी नेताओं को भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए एक अहम उभरती हुई पार्टी के तौर पर देखा गया.

भारतीय राजनयिक को लेकर कनाडाई अधिकारियों ने किया ये दावा

रिपोर्ट में कहा गया कि सोमवार को संसद के समक्ष ट्रूडो की ओर से की गई आरोपों की घोषणा ने भारत और कनाडा के संबंधों में एक बड़ी दरार पैदा कर दी. इसके चलते ओटावा में एक भारतीय राजनयिक को निष्कासित कर दिया गया. कनाडाई अधिकारियों ने दावा किया कि वह एक्टर्नल इंडियन इंटेलिजेंस सर्विस का एक स्टेशन प्रमुख था. जवाब में नई दिल्ली ने एक कनाडाई राजनयिक को निकाल दिया, मीडिया के अनुसार जिसकी पहचान भारत में शीर्ष कनाडाई जासूस के रूप में की गई.

जस्टिन ट्रूडो बोले, ‘भारत सरकार को मामले को बेहद गंभीरता से लेने की जरूरत’ 

ट्रूडो ने मंगलवार ओटावा में मीडिया से कहा कि भारत सरकार को इस मामले को बेहद गंभीरता से लेने की जरूरत है.” उन्होंने कहा, ”हम वह कर रहे हैं. हम भड़काने या बढ़ाने की कोशिश नहीं कर रहे हैं. हम तथ्यों को वैसे ही सामने रख रहे हैं जैसे हम उन्हें समझते हैं और हम हम भारत सरकार के साथ काम करना चाहते हैं.”

ट्रूडो ने कहा, ”यह अत्यंत गंभीर है और अंतरराष्ट्रीय कानून में इसके दूरगामी परिणाम होंगे…” उन्होंने कहा, हम शांत रहेंगे. हम अपने लोकतांत्रिक सिद्धांतों और मूल्यों पर कायम रहेंगे. हम सबूतों का पालन करेंगे और यह सुनिश्चित करेंगे कि काम सबके लिए किया जाए.”

भारत सरकार ने जस्टिन ट्रूडो के आरोपों को बताया बेतुका

भारत सरकार ने मंगलवार (19 सितंबर) को एक बयान जारी कर कनाडाई पीएम जस्टिन ट्रूडो के आरोपों को बेतुका और प्रेरित करार देते हुए खारिज कर दिया. भारत के विदेश मंत्रालय ने कहा कि आरोप खालिस्तानी आतंकियों और चरमपंथियों से ध्यान हटाने की कोशिश करते हैं, जिन्हें कनाडा में शरण दी गई है और जो भारत की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के लिए खतरा बने हुए हैं. बयान में कहा गया कि इस मामले पर कनाडाई सरकार की निष्क्रियता लंबे समय से और निरंतर चिंता का विषय रही है.

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