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can lmv licence holder drive vehicles weighing up to 7500 kg sc will give its verdict on 6 november ann


LMV Licence holder: सुप्रीम कोर्ट मोटर व्हीकल एक्ट और इंश्योरेंस क्लेम से जुड़े एक अहम मामले पर बुधवार (06 नवंबर) को अहम फैसला देगा. कोर्ट यह तय करेगा कि हल्के मोटर वाहनों यानी LMV चलाने का लाइसेंस रखने वालों को 7,500 किलोग्राम तक के व्यावसायिक वाहन चलाने के अधिकार है या नहीं. चीफ जस्टिस की अध्यक्षता वाली 5 जजों की बेंच ने बुधवार (21 अगस्त, 2024) को मामले पर फैसला सुरक्षित रखा था.

इस फैसले का सीधा असर एलएमवी लाइसेंस धारकों की ड्राइविंग से जुड़ी दुर्घटनाओं में इंश्योरेंस क्लेम पर पड़ेगा. मामले में बीमा कंपनियों की 75 से अधिक याचिकाओं पर कोर्ट ने सुनवाई की है. बीमा कंपनियां ऐसे क्लेम के भुगतान पर सवाल उठा रही हैं, जिसमें LMV लाइसेंस धारकों के ट्रांसपोर्ट व्हीकल चलाने से एक्सीडेंट हुआ हो.

सुप्रीम कोर्ट के 3 जजों की बेंच ने की थी सुनवाई

2017 में मुकुंद देवांगन बनाम ओरिएंटल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड मामले में सुप्रीम कोर्ट के 3 जजों की बेंच ने कहा था कि जिन ट्रांसपोर्ट व्हीकल का कुल वजन 7,500 किलोग्राम से कम हो, उन्हें LMV यानी लाइट मोटर व्हीकल की परिभाषा से बाहर नहीं किया जा सकता. 5 जजों की बेंच ने मामले को सुनते हुए कहा था कि 2017 के फैसले के साथ तालमेल बैठाने के लिए सरकार ने नियमों में कुछ बदलाव किए थे.यह जानना ज़रूरी है कि क्या सरकार कानून में संशोधन करना चाहती है.

कानून के सामाजिक असर को भी समझना है जरूरी – SC

केंद्र सरकार की तरफ से पेश अटॉर्नी जनरल आर.वेंकटरमनी ने कहा था कि मोटर व्हीकल एक्ट 1988 में कई बदलाव प्रस्तावित हैं. संसद के शीतकालीन सत्र में उन्हें पेश किया जा सकता है. इस पर कोर्ट ने कहा था कि देश में लाखों ड्राइवर देवांगन केस के फैसले के आधार पर काम कर रहे हैं. यहां सिर्फ कानून का सवाल नहीं है. कानून के सामाजिक असर को भी समझना जरूरी है, ताकि लोगों के सामने मुश्किल न खड़ी हो.

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