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BJP to field KP Yadav from Jyotiraditya Scindia seat in MP rajya sabha election 2024 ann | कभी ज्योतिरादित्य सिंधिया को हराने वाले नेता को राज्यसभा भेजेगी BJP? जानें


MP Rajya Sabha Election 2024: गुना लोकसभा सीट से सांसद बनने के बाद अब केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की राज्यसभा की कुर्सी खाली हो गई है. इस कुर्सी पर कई नेताओं की निगाह है. भारतीय जनता पार्टी राज्यसभा की उम्मीदवारी को लेकर फैसला करेगी, लेकिन लोकसभा चुनाव में किए गए वादों को भी राज्यसभा की उम्मीदवारी से जोड़कर देखा जा रहा है.

लोकसभा चुनाव में गुना शिवपुरी लोकसभा सीट पर आम सभा को संबोधित करते हुए गृह मंत्री अमित शाह ने लोगों से वादा किया था कि गुना लोकसभा सीट पर चुनाव के बाद लोगों को एक नहीं बल्कि दो नेता मिलेंगे. उन्होंने केपी यादव की राजनीतिक भविष्य को लेकर लोगों के बीच बड़ी घोषणा की थी. अब कयास लगाए जा रहे हैं कि राज्यसभा में केपी यादव का नाम भी आगे बढ़ाया जा सकता है. 

क्या बोले थे अमित शाह?

25 अप्रैल को अमित शाह ने कहा था, ”केपी यादव के राजनीतिक भविष्य की चिंता करने की कोई आवश्यकता नहीं है. भारतीय जनता पार्टी के पी यादव के राजनीतिक भविष्य की चिंता करेगी.” गौरतलब है कि 2019 के चुनाव में गुना लोकसभा सीट से केपी यादव ने ज्योतिरादित्य सिंधिया को हराकर संसद की कुर्सी हासिल की थी.  

जब ज्योतिरादित्य सिंधिया कांग्रेस से बीजेपी में आ गए तो गुना से उनके चुनाव लड़ने की पूरी संभावनाएं पहले से ही बन गई थी. जब केपी यादव का टिकट काटकर ज्योतिरादित्य सिंधिया को भाजपा ने टिकट दिया तो केपी यादव के समर्थकों में हताशा देखने को मिली. इसी हताशा को खुशी में बदलने के लिए पूर्व गृहमंत्री अमित शाह ने बड़ी घोषणा की थी. अब  क्या राज्यसभा से बीजेपी केपी यादव को उम्मीदवार बनाएगी.

बीजेपी के नेताओं ने दी यह प्रतिक्रिया
भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश के सह मीडिया प्रभारी सचिन सक्सेना ने ने कहा कि यह तो संगठन निर्णय लेगा, लेकिन भारतीय जनता पार्टी में हमेशा से छोटे से छोटे कार्यकर्ता को बड़े से बड़े पद पर पहुंचाने की हमेशा कोशिश रहती है. सक्सेना ने कहा कि प्रदेश के कई नेता दावेदार हैं, मगर निर्णय संगठन करेगा.

कहीं यादव फैक्टर की वजह से उलझ ना जाए उम्मीदवारी?
राजनीति में सभी पहलुओं का ध्यान रखकर उम्मीदवारी तय की जाती है. गौरतलब है कि मध्य प्रदेश में बीजेपी ने पिछड़े वर्ग से मुख्यमंत्री दिया है. मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में डॉक्टर मोहन यादव कुर्सी संभाल रहे हैं. ऐसी स्थिति में केपी यादव की उम्मीदवारी उलझ भी सकती है. एक ही समाज के एक से अधिक नेताओं को बड़े पद पर दावेदारी कभी-कभी खटाई में भी पड़ जाती है.

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