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BJP MLA Ajay Mahawar Attack On AAP Arvind Kejriwal opposition renaming of Babarpur mustafabad Mohan Singh Bisht


Delhi Politics: मुस्तफाबाद विधानसभा क्षेत्र का नाम बदलने को लेकर चर्चा तेज है. इस बीच बाबरपुर का नाम बदलने का मसला भी उठ रहा है. बीजेपी विधायक अजय महावर ने इसे लेकर अपनी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि बाबरपुर का नाम बदलने के बारे में मेरा बयान सदन में रिकॉर्ड पर है. मैंने तब कहा था कि बाबर एक आक्रमणकारी और लुटेरा था, वह हमारा नायक कैसे हो सकता है?

उन्होंने कहा, “यह आठवीं विधानसभा है. सातवीं विधानसभा में पिछली बार जब अरविंद केजरीवाल की सरकार थी तो विधानसभा में मैंने मांग उठाई थी. सदन में मेरा बयान रिकॉर्ड है. जिस बाबर ने हमारे अराध्य मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम की जन्मभूमि को ध्वस्त कर वहां बाबरी मस्जिद का निर्माण किया, जिस बाबर ने अयोध्या का पवित्र नाम बदलकर फैजाबाद कर दिया हो, वो बाबर हमारा हीरो कैसे हो सकता है? 

यह विषय हिंदू और मुसलमान का नहीं- अजय महावर

उन्होंने आगे कहा, ”अब सवाल है कि वहां मोहनपुरी है. मोहनपुरी नाम रखा जाए. अब कुछ लोग और विपक्ष सवाल उठाएंगे कि हिंदू-मुस्लिम का मामला है तो मैं कह देता हूं कि अब्दुल कलाम साहब, इस देश के फ्रीडम फाइटर रहे अब्दुल गफ्फार और अशफाकउल्ला खान. ऐसे बहुत से लोग हैं जिन्होंने स्वतंत्रता की लड़ाई या राष्ट्र के निर्माण में अपना योगदान दिया है तो उनके नाम पर रखिए. इसलिए मैंने कहा कि विषय हिंदू और मुसलमान का नहीं है.” 

बाबर मेरा हीरो कभी नहीं हो सकता- अजय महावर

बीजेपी विधायक अजय महावर ने ये भी कहा कि मैं पहले से ऑब्जर्व करके बोल रहा हूं कि वो वैसा करेंगे तो रखिए न कलामपुरी, किसने मना किया है लेकिन बाबर मेरा हीरो कभी नहीं हो सकता. जब उनसे पूछा गया कि क्या वो इस सत्र में ही अपनी मांग को फिर से रखेंगे? इस पर उन्होंने कहा, ”अभी प्राइवेट मेंबर बिल लाने की बात है, मोहन सिंह बिष्ट जी का बिल अगर फ्लोर पर स्वीकार किया जाता है तो उसकी चर्चा में मैं अपना प्रस्ताव जोड़ूंगा.”

जिन्होंने दिल्ली लूटा है वो तो लुटेरों को ही पसंद करेंगे- महावर

उन्होंने आगे कहा, ”मैं तो मुस्लिम नाम रखने के लिए तैयार हूं. ऐसे में ये विषय तो समाप्त हो गया. क्या वो अब्दुल कलाम को हीरो नहीं मानते हैं? क्या अशफाकउल्ला खान साहब को हीरो नहीं मानते हैं. बोलें वो, हम तो उस नाम पर भी तैयार हैं. हम तो फ्लैक्सिवल हैं क्योंकि हम लुटेरों के खिलाफ हैं, जिन्होंने दिल्ली लूटा है, वो तो लुटेरों को ही पसंद करेंगे. जिन्होंने दिल्ली के लिए कोई योगदान नहीं किया, वहां का सीवर, पानी, हवा सब खराब कर दिया वो क्या बात कर रहे हैं. उन्होंने कुछ काम नहीं किया, हम काम भी कर रहे हैं और सांस्कृतिक धरोहर नामों की रक्षा भी कर रहे हैं.”





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