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BJP attack on Jharkhand Government Mukhyamantri Maiyan Samman Scheme for women


Jharkhand Latest News: झारखंड में 21 से 50 साल की 50 लाख महिलाओं को हर महीने एक हजार रुपये देने की हेमंत सोरेन सरकार की योजना पर सियासी तकरार छिड़ गई है. हेमंत सोरेन और उनके पार्टी के मंत्रियों के साथ सत्तारूढ़ गठबंधन के नेता इस योजना को महिलाओं के आर्थिक स्वावलंबन की दिशा में एक बड़ा कदम बता रहे हैं. दूसरी तरफ विपक्ष ने इसे विधानसभा चुनाव के ठीक पहले पब्लिक को ठगने वाला झुनझुना करार दिया है. दोनों तरफ से बयानों के तीर चल रहे हैं. सरकार ने इस स्कीम का नाम ‘झारखंड मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना’ रखा है.

झारखंड की स्थानीय भाषाओं-बोलियों में बहन-बेटी को ‘मंईयां’ से संबोधित किया जाता है. पूर्व सीएम चंपई सोरेन की कैबिनेट ने 28 जून को इस योजना पर मुहर लगाई थी और इसका नाम ‘झारखंड मुख्यमंत्री माई-कुई (मां-बेटी) प्रोत्साहन योजना’ रखा था. उस वक्त हेमंत सोरेन जेल में थे. जमानत पर जेल से बाहर आने के सातवें दिन हेमंत सोरेन ने चंपई सोरेन की जगह सीएम की कुर्सी संभाली और इसके कुछ दिनों बाद उन्होंने कैबिनेट की बैठक में इस योजना का नाम बदल डाला.

लाभार्थियों की सूची तैयार करने का निर्देश

इस योजना के तहत पहले 40 लाख लाभार्थियों को टारगेट किया गया था और इस पर सरकारी खजाने से प्रतिसाल 5,500 करोड़ खर्च का अनुमान था. अब सरकार चुनाव की घोषणा के पहले 40 लाख की जगह 50 लाख महिलाओं के बैंक अकाउंट में स्कीम की कुछ किस्त ट्रांसफर करने की तैयारी में जुटी हैं. सत्तारूढ़ गठबंधन इस स्कीम को किस तरह ‘चुनावी मास्टर स्ट्रोक’ के रूप में इस्तेमाल करने जा रहा है, उसे समझना मुश्किल नहीं है.

सीएम हेमंत सोरेन ने 4 और 5 अगस्त को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर इस स्कीम को लेकर कुल 26 पोस्ट-रिपोस्ट किए हैं. हर जिले में इसके लिए स्पेशल कैंप लगाए गए हैं, जहां लाभार्थियों की लिस्टिंग के लिए फॉर्म जमा कराए जा रहे हैं. इसके लिए अलग से पोर्टल लॉन्च किया गया है और जिलों में योजना का प्रचार करने के लिए विशेष रथ रवाना किए गए हैं. जिलों के उपायुक्तों के साथ पूरे सरकारी अमले को फिलहाल इस योजना को टॉप प्रायोरिटी रखते हुए लाभार्थियों की सूची तैयार करने का निर्देश दिया गया है.

सीएम हेमंत सोरेन ने क्या कहा?

पहले ये कैंप 10 अगस्त तक लगने थे. सीएम ने सोमवार को सभी जिलों के उपायुक्तों को कैंप को 15 अगस्त तक जारी रखने के निर्देश दिए हैं. हेमंत सोरेन ने सोमवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर लिखा, ”झारखंड की मेरी प्यारी बहनों, जोहार! आपकी आशाओं-आकांक्षाओं और मेहनत को सम्मान देने के लिए राज्य सरकार की तरफ से झारखंड मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना (JMMSY) की शुरुआत की गई है. राज्य भर में योजना को लेकर आप लाखों बहनों में अद्भुत उत्साह है. इसके लिए मैं आपको बहुत-बहुत बधाई देते हुए जोहार करता हूं.”

योजना को लेकर विपक्ष का तीखा प्रहार 

राज्य की प्रमुख विपक्षी पार्टी बीजेपी, योजना को सरकार की ओर से अपनी विफलताओं को ढकने के लिए प्रलोभन देने वाली चुनावी स्कीम बता रही हैं. लाभार्थियों के आवेदन फॉर्म भरने के नाम पर कई जगहों से अवैध वसूली की आ रही खबरों और शिकायतों को लेकर भी पार्टी के नेता सरकार को घेर रहे हैं.

राज्य विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष अमर कुमार बाउरी ने सोमवार को इसे लेकर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट लिखा और वीडियो मैसेज भी जारी किया. उन्होंने हेमंत सोरेन को संबोधित करते हुए लिखा, ”सावधान झारखंड… कितना ठगिएगा महाराज?… मंईयां सम्मान नहीं, मंईयां परेशान योजना. महाठग झामुमो-कांग्रेस-राजद सरकार एक और ठगी का प्रयास कर रही हैं, राज्य की जनता सावधान व सतर्क रहें.” 

बाउरी ने आगे लिखा, ”इन्होंने महिलाओं से ये वादा किया था कि सरकार बनते ही गरीब महिलाओं के खातों में सालाना 72 हजार रुपये दिए जाएंगे, इस हिसाब से पांच साल का आंकड़ा तीन लाख साठ हजार होगा. लेकिन, चुनाव से पूर्व आखिरी 2-3 महीने के लिए ठगने की योजना से ठगबंधन सरकार केवल एक हजार रुपये देने वाली है. 2019 का चुनाव ठगबंधन ने झूठे वादों पर लड़ा. इस बार ये चुनाव प्रलोभन के सहारे लोगों को ठगकर लड़ने की तैयारी है.”

जनकल्याण के नाम पर वसूली- बाबूलाल मरांडी

झारखंड प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने भी इस योजना में फॉर्म के नाम पर अवैध वसूली को लेकर सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि झारखंड मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना के शुभारंभ के पहले दिन ही फॉर्म के नाम पर वसूली का शुभारंभ कर दिया गया है. हेमंत सरकार की चरणबद्ध योजना के तहत अभी फॉर्म के नाम पर, फिर पंजीकरण के नाम पर, फिर सूची में नाम डालने के नाम पर और अंत में खाते में पैसे भेजने के नाम पर वसूली के सारे चरण पूरे किए जाएंगे. इस सरकार में योजनाओं को लाने का उद्देश्य जनकल्याण नहीं, बल्कि वसूली करने और कराने का है.

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