Bilkis Bano On Supreme Court Order Says Today New Year For Her Thanks To SC
बिलकिस बानो ने गैंगरेप और परिवार के सात लोगों की हत्या के दोषियों को दी गई छूट को खारिज करने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर खुशी जताई है. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक, बिलकिस बानो के 11 दोषी जल्द ही फिर से सलाओं के पीछे होंगे. इस अवसर पर बिलकिस बानो ने खुशी जताते हुए कहा, ”आज सचमुच मेरे लिए नया साल है.”
न्यूज एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, बिलकिस बानो ने अपनी वकील शोभा गुप्ता के हवाले से कहा, ”मैंने खुशी के आंसू रोए हैं. मैं डेढ़ साल से ज्यादा समय में पहली बार मुस्कुराई हूं. मैंने अपने बच्चों को गले लगाया है. ऐसा लगता है कि जैसे पहाड़ के जितना बड़ा पत्थर मेरे सीने से हट गया है और मैं फिर से सांस ले सकती हूं.”
उन्होंने कहा, ”न्याय ऐसा ही होता है. मुझे, मेरे बच्चों और हर जगह की महिलाओं को, सभी के लिए समान न्याय के वादे में यह समर्थन और आशा देने के लिए मैं भारत के माननीय सर्वोच्च न्यायालय को धन्यवाद देती हूं.”
गुजरात सरकार ने शक्ति का दुरुपयोग किया- SC
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार (8 जनवरी) को बिलकिस बानो के 11 दोषियों को दी गई छूट को रद्द कर दिया. दोषियों ने 2002 में गुजरात दंगों के दौरान वारदात को अंजाम दिया था. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि गुजरात सरकार ने अपनी शक्ति का दुरुपयोग किया. शीर्ष अदालत ने आदेश दिया कि 11 दोषियों को दो सप्ताह के भीतर वापस जेल भेजा जाए.
अपनी टिप्पणी में बिलकिस बानो ने यह भी कहा कि उनकी जैसी यात्राएं कभी भी अकेले नहीं की जा सकतीं. उन्होंने कहा, ”मेरे साथ मेरे पति और मेरे बच्चे हैं. मेरे पास ऐसे दोस्त हैं जिन्होंने नफरत के समय भी मुझे बहुत प्यार दिया और हर मुश्किल मोड़ पर मेरा हाथ थामा.”
बिलकिस बानो ने कहा, ”मेरे पास एक असाधारण वकील एडवोकेट शोभा गुप्ता हैं, जो 20 से ज्यादा वर्षों तक मेरे साथ अटूट रूप से चलीं और जिन्होंने मुझे न्याय के बारे में कभी उम्मीद नहीं खोने दी.”
‘दोषियों के रिहा होने पर टूट गई थी’
बिलकिस बानो ने कहा कि डेढ़ साल पहले 15 अगस्त 2022 को जब उनके दोषियों को जल्द रिहाई दी गई तो वह बिखर गई थीं. बानो ने कहा कि उन्हें लगा था कि उनके भीतर साहस खत्म हो चुका है जब तक कि लाखों लोग उनके लिए एकजुट नहीं हो गए. उन्होंने कहा, ”देश में हजारों लोग और महिलाएं आगे आईं, वे मेरे साथ खड़े रहे, मेरे लिए बात की और सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दायर की.”
हजारों लोगों ने समर्थन में लिखी अर्जियां और ओपन लेटर
उन्होंने कहा, ”हर जगह से 6,000 लोगों और मुंबई से 8,500 लोगों ने अर्जियां लिखीं, 10,000 लोगों ने एक खुला पत्र लिखा, साथ ही कर्नाटक के 29 जिलों के 40,000 लोगों ने भी लिखा. इनमें से प्रत्येक व्यक्ति को, आपकी बहुमूल्य एकजुटता और शक्ति के लिए मेरा आभार. आपने मुझे न केवल मेरे लिए, बल्कि भारत की हर महिला के लिए न्याय के विचार को बचाने के लिए संघर्ष करने की इच्छाशक्ति दी.
बिलकिस बानो ने कहा, ”मैं आपको धन्यवाद देती हूं.” उन्होंने कहा कि भले ही वह अपने और अपने बच्चों के जीवन के लिए इस फैसले का पूरा अर्थ समझती हैं, आज दिल से जो ‘दुआ’ निकलती है वह सरल है कि कानून का शासन सबसे ऊपर और कानून के समक्ष सभी के लिए समानता रहे.
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