Bihar Will Create Patrolling Force For National Highways, The Aim Is To Reduce The Number Of Deaths In Accidents. – बिहार राष्ट्रीय राजमार्गों के लिए बनाएगा गश्ती बल, हादसों में होने वाली मौतों की संख्या घटाना है लक्ष्य
अधिकारी ने कहा कि विशेष बल के लिए अतिरिक्त 1,500 यातायात कर्मियों की आवश्यकता होगी. उन्होंने कहा, ‘‘बिहार में राष्ट्रीय राजमार्गों पर सड़क दुर्घटनाओं के कारण होने वाली मौतों की संख्या चिंताजनक है. राज्य में राष्ट्रीय राजमार्गों पर मृत्यु दर में 2022 में, उससे पिछले वर्ष की तुलना में, लगभग 12 प्रतिशत की वृद्धि हुई.”
बिहार पुलिस (यातायात) के अतिरिक्त महानिदेशक (एडीजी) सुधांशु कुमार ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘30 प्रतिशत दुर्घटनाएं तेज गति से गाड़ी चलाने और 12 प्रतिशत दुर्घटनाएं गलत दिशा में गाड़ी चलाने से होती हैं. ये दो कारक बिहार में सड़क दुर्घटनाओं में होने वाली मौतों के मुख्य कारण हैं.”
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उन्होंने कहा कि यातायात नियमों के उपयुक्त क्रियान्वयन से निश्चित रूप से राष्ट्रीय राजमार्गों पर दुर्घटनाओं में होने वाली मौतों की संख्या में कमी आएगी. उन्होंने कहा, ‘‘यही कारण है कि बिहार यातायात पुलिस ने राज्य में एक विशेष राजमार्ग गश्ती बल स्थापित करने का निर्णय लिया है. इस संबंध में एक विस्तृत प्रस्ताव अंतिम मंजूरी के लिए संबंधित प्राधिकारी को भेजा गया है.”
राजमार्गों पर सड़क दुर्घटना में होने वाली मौतों पर चिंता व्यक्त करते हुए एडीजी ने कहा कि सरकार ऐसी मौतों की संख्या कम करने के लिए प्रतिबद्ध है. उन्होंने कहा, ‘‘हम इन दुर्भाग्यपूर्ण घटनाओं को रोकने के लिए कई कदम उठा रहे हैं. राजमार्ग गश्ती वाहन को हर 50 किमी पर रणनीतिक स्थानों पर तैनात किया जाएगा. ये वाहन लोगों की जान बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे.”
कुमार ने कहा, ‘‘विशेष बल के लिए अतिरिक्त 1,500 यातायात कर्मियों की आवश्यकता होगी और अत्याधुनिक उपकरणों से लैस कुल 114 गश्ती वाहनों का इस्तेमाल किया जाएगा.” हालांकि, एडीजी ने प्रस्ताव के अन्य विवरण बताने से इनकार कर दिया.
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सूत्रों के अनुसार, राजमार्ग गश्ती इकाइयां शुरुआत में उन जिलों में तैनात की जाएंगी, जहां राज्य में राष्ट्रीय राजमार्गों पर सड़क दुर्घटनाओं में अधिक मौतें होती हैं. सारण, हाजीपुर, बख्तियारपुर, मोकामा, बेगूसराय, खगड़िया, कटिहार, समस्तीपुर, मुजफ्फरपुर, पूर्वी चंपारण और गोपालगंज उन जिलों में शामिल हैं, जहां प्रस्तावित राजमार्ग गश्ती बल को तैनात किया जाएगा.
दरभंगा, सुपौल, नरपतगंज, फारबिसगंज, अररिया, झंझारपुर, पूर्णिया, जमुई और अन्य शहर भी इस सूची में शामिल हैं. सूत्रों ने कहा कि शेष जिलों को दूसरे चरण में कवर किया जाएगा. इस साल मार्च में जारी बिहार परिवहन विभाग की वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार, राज्य में 2021 की तुलना में 2022 में सड़क दुर्घटना में होने वाली मौतों में 16.13 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई. बीते साल राज्य भर में 10,790 सड़क दुर्घटनाएं हुईं, जिनमें 8,896 लोगों की जान गई, जबकि 2021 में 9,553 दुर्घटनाएं और 7,660 मौतें हुईं.
इससे पहले, सड़क सुरक्षा पर उच्चतम न्यायालय की एक समिति ने राज्य सरकार से इन हादसों में होने वाली मौतों में कमी लाने के लिए दुर्घटना-संभावित खंडों पर गश्त शुरू कराने को कहा था.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)