bihar state seventh finance commission formed chairman became retired IAS officer Ashok Kumar
bihar state seventh finance commission: बिहार में गुरुवार (13 मार्च) को सातवें राज्य वित्त आयोग का गठन कर दिया गया है. 1972 बैच के सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी अशोक कुमार इसकी अध्यक्षता करेंगे. इसमें दो अन्य सदस्य भी शामिल हैं. इसका गठन बिहार पंचायत राज अधिनियम, 2006 की धारा 168 और बिहार नगर पालिका अधिनियम, 2007 की धारा 71 के प्रावधानों के तहत किया गया है. सरकार की ओर से इसकी अधिसूचना भी जारी कर दी गई है.
31 मार्च 2026 को रिपोर्ट सौंपेगा आयोग
पूर्व आईएएस अधिकारी अशोक कुमार चौधरी को इसका अध्यक्ष बनाया गया है. वहीं दो अन्य सदस्य भी शामिल हैं. अनिल कुमार, (सेवानिवृत्त) और पीयू की रिटायर्ड प्रोफेसर डॉ. कुमुदिनी सिन्हा भी इसकी सदस्य हैं. ये आयोग जिला परिषद, नगर निगम और पंचायतों की वित्तीय स्थिति की समीक्षा कर सरकार को अपनी अनुशंसाएं देगा. गड़बड़ियों की भी आयोग समीक्षा करेगा.
इसके बाद आयोग 31 मार्च 2026 को अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपेगा. ये आयोग स्थानीय निकायों की वित्तीय स्थिति की जांच करेगा और उनके वित्त को मजबूत करने के लिए नीतियों और उपायों की सिफारिश करेगा, जिसमें नगर निगम, नगर परिषद और नगर पंचायतों की वित्तीय स्थिति की समीक्षा की जाएगी.
इन विषयों पर सिफारिश करेगा आयोग
पंचायतों और नगर पालिकाओं को सौंपे जाने वाले या उनके जरिए विनियोजित किए जाने वाले करों, शुल्कों और फीसों का निर्धारण करेगा. राज्य की संचित निधि से पंचायतों और नगर पालिकाओं को सहायता अनुदान की समीक्षा करेगा. आयोग अपने निष्कर्षों का आधार निर्दिष्ट करेगा और पंचायतों और नगर पालिकाओं की प्राप्तियों और व्यय का अनुमान प्रदान करेगा और फिर उस पर अपनी सिफारिश सरकार से करेगा.
आयोग के अध्यक्ष और सदस्यों के वेतन, भत्ते और अन्य सुविधाओं का निर्धारण वित्त विभाग के जरिए किया जाएगा. आयोग अपने कामकाज की प्रक्रिया स्वयं निर्धारित करेगा. बता दें कि भारत के सभी राज्यों में राज्य वित्त आयोग की स्थापना साल 1993 में हुई थी. यह संवैधानिक निकाय है. इसकी स्थापना 73वें संविधान संशोधन अधिनियम, 1992 के तहत की गई थी.