Bihar people Superstition in Supaul child and women who victim of snake bite not treatment in hospital ann
People Superstition In Supaul: आज भले ही हम चांद पर पहुंच गए हों, लेकिन ग्रामीण इलाके आज भी अंधविश्वास के भ्रम जाल में फंसे हुए हैं. हम ऐसा इसलिए कह रहे हैं क्योंकि सुपौल जिले के एक सरकारी अस्पताल में लोग डॉक्टरों के इलाज पर कम, तांत्रिक के टोटके पर ज्यादा भरोसा करते हैं. मामला जिले के त्रिवेणीगंज अनुमंडलीय अस्पताल का है, जहां सोमवार (15 जुलाई) को अजीबोगरीब नजारा देखने को मिला.
बच्चे और महिला का असपताल में हुआ झाड़-फूंक
जिले के अलग-अलग थाना क्षेत्र से आए सर्पदंश के शिकार एक 6 वर्षीय बच्चे और एक 25 वर्षीय महिला को इलाज के लिए लाया गया, लेकिन अस्पताल आए परिजनों को डॉक्टरों के इलाज पर भरोसा नहीं हुआ, इसलिए उन्होंने तांत्रिक द्वारा झाड़-फूंक कर पीड़ितों को ठीक करने का निर्णय लिया और गांव से दो महिला और एक पुरुष सहित तीन तांत्रिक को बुलाया गया.
फिर तीनों तांत्रिकों का घंटों झाड़-फूंक टोटका चलता रहा. तांत्रिक कभी बड़बड़ाता तो कभी सांप के काटे स्थान पर फूंक मारने लगता, लेकिन सांप के काटने से बदहवास बच्चे और महिला अवाक दिखाई दिए. तांत्रिकों के झाड़-फूंक टोटके को देखने के लिए लोगों की भीड़ लग गई. मजे की बात तो यह है कि दो महिला और एक पुरुष तांत्रिक अस्पताल में घंटों तंत्र-मंत्र करते रहे और अस्पताल प्रबंधन मूकदर्शक बने रहे. इन दिनों सांप के काटने के बाद लोग तंत्र-मंत्र के चक्कर में पड़कर अपनी जान गंवा रहे हैं.
हता दें कि थाना क्षेत्र के महेशुआ वार्ड नंबर 11 निवासी मोहम्मद तनवीर के 6 वर्षीय पुत्र मोहम्मद एकलाख घर के आगे सड़क पर खेल रहा था, तभी उसका पैर सांप पर चला गया, जिससे सांप ने उसे काट लिया. वहीं, बघला वार्ड नंबर 9 निवासी रौशन कुमार की 25 वर्षीय पत्नी खुशबू कुमारी दरवाजे से आंगन की तरफ जा रही थी, तभी सांप ने उन्हें दाहिने पैर में काट लिया. दोनों के परिजनों ने जख्मियों को इलाज के लिए अनुमंडलीय अस्पताल त्रिवेणीगंज में भर्ती कराया था, लेकिन वहां इलाज नहीं कराया.
ड्रामे के बाद अस्पताल में दोनों मरीज का हुआ इलाज
फिलहाल, दोनों का इलाज ड्यूटी पर मौजूद चिकित्सक द्वारा किया जा रहा है और दोनों ही खतरे से बाहर हैं. मौके पर महिला तांत्रिक ने बताया कि मेरे भगीना को सांप काट लिया था, इसलिए उसे झाड़-फूंक कर रहे थे. वहीं, अस्पताल में ड्यूटी पर तैनात चिकित्सक डॉ. देव दिवाकर ने बताया कि आज दिनभर में दस- पंद्रह सर्पदंश के मरीज आए. अभी अंत समय में ये दोनों सर्पदंश पीड़ित आए, जिनका हमने प्राथमिक उपचार किया. वो अब खतरे से बाहर हैं. झाड़-फूंक वाली बात पर डॉक्टर ने कहा कि हम अपने चेंबर में थे, बाहर क्या हो रहा है, यह हम बता नहीं सकते और इसे हम रोक भी नहीं सकते हैं.
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