Bihar News Madhubani Who is Maulana Firoz Was Beaten by Police Tejashwi Yadav JDU RJD ANN
Madhubani News: बिहार के मधुबनी में पुलिस पर आरोप लगा कि वाहन चेकिंग के क्रम में मो. फिरोज नाम के शख्स को पीटा गया. इतना पीटा गया कि जख्म देखने के लिए खुद नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) मधुबनी के बेनीपट्टी पहुंच गए. कौन हैं मौलाना फिरोज जिसे पुलिस ने पीटा? कहां की मस्जिद के इमाम हैं? समझिए पूरा मामला और जानिए हर सवाल का जवाब.
सबसे पहले जानिए क्या है ये पूरा मामला
30 जनवरी को बेनीपट्टी थाना क्षेत्र के कटैया गांव निवासी मो. फिरोज (उम्र करीब 37 साल) ने बेनीपट्टी थाना के पुलिसकर्मियों पर वाहन चेकिंग के दौरान मारपीट कर घायल करने का आरोप लगाया था. पुलिस की पिटाई से उनके शरीर पर जख्म के कई निशान भी थे. इस घटना के बाद उन्होंने कार्रवाई के लिए एसपी को आवेदन दिया. हालांकि पुलिस का कहना था कि वाहन जांच के क्रम में मो. फिरोज भागने लगे थे. पुलिस ने इसलिए पकड़ा था.
एसपी के निर्देश पर जांच के बाद पांच पुलिसकर्मियों पर एक्शन लिया गया. जांच रिपोर्ट में एएसआई मुकेश कुमार, हवलदार रंजीत, सिपाही विक्रम कुमार, चौकीदार सुरेश पासवान और चौकीदार सुरदीप मंडल को दोषी पाया गया. इसके बाद तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया. प्रशिक्षु डीएसपी सह थानाध्यक्ष गौरव गुप्ता को पुलिस कार्यालय मधुबनी में योगदान देने का आदेश दिया गया.
मो. फिरोज के बारे में जानिए…
इस पूरी घटना को लेकर मो. फिरोज से बातचीत की गई. उन्होंने बताया कि कुछ दिनों से उनकी तबीयत खराब थी तो वे ससुराल गए थे. घटना के दिन वे ससुराल से ही लौट रहे थे. 4 भाई और 2 बहनों में सबसे बड़े हैं. शादी 2018 में हुई. एक पांच साल और एक दो साल की बेटी है. उन्होंने कहा कि वे गांव की ही मस्जिद में इमामत करते हैं. इन दिनों तबीयत खराब है तो फिलहाल नहीं कर रहे हैं. तबीयत खराब के दौरान ही आराम के लिए ससुराल चले गए थे.
…और मिलने पहुंच गए तेजस्वी यादव
इस घटना के बाद सोमवार (03 फरवरी) को पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव घायल मोहम्मद फिरोज से मिलने पहुंचे थे. मो. फिरोज ने तेजस्वी यादव को बताया कि कैसे पुलिस ने उन्हें मारा. पुलिस की पिटाई के कारण दो दिन से वे सोए नहीं. उन्होंने आत्महत्या तक की बात सोची, लेकिन परिजनों ने उन्हें रोक लिया.
क्या बोले तेजस्वी यादव?
तेजस्वी यादव ने भी बात सुनी और सरकार और पुलिस प्रशासन की कार्यशैली को लेकर सवाल उठाया. कहा कि हमारी सरकार आए ना आए हमें कोई फर्क नहीं पड़ता, लेकिन समाज में अन्याय, अत्याचार और भेदभाव सहन नहीं करेंगे और ना होने देंगे. अगर किसी ने मुसलमानों की तरफ बुरी नजर से देखा तो फिर उन बुरी नजर वालों की सही नजर करना हमें हर तरीके से आता है.
क्या बोले आरजेडी के पूर्व मंत्री समीर महासेठ?
घटना को लेकर आरजेडी के पूर्व मंत्री समीर महासेठ ने कहा कि ऐसी जानकारी मिली है कि पुलिस वालों को फाइन वसूलने का टारगेट दिया जाता है. इस तरह की घटना अब आम हो गई है. तेजस्वी यादव के जाने से ये घटना सबकी जानकारी में आ गई है. यहां की आम जनता सड़क के नियम-कानून को ज्यादा सीरियस नहीं लेती. सरकार को पहले आम जनता को विभिन्न माध्यमों से नियम-कानून से अवगत कराना चाहिए.
जेडीयू की नेता और प्रदेश महिला अध्यक्ष भारती मेहता ने कहा कि मधुबनी के पुलिस अधीक्षक के संज्ञान में मामला जैसे ही आया तो उन्होंने कार्रवाई की. तुरंत जांच बैठाई गई और रिपोर्ट के आधार पर बेनीपट्टी थाना प्रभारी समेत सभी पुलिसकर्मी को दोषी मानते हुए कार्रवाई की गई है. तेजस्वी यादव अगर कहते हैं कि पुलिस ने 25 हजार रुपया लिया है तो उनको इसका सबूत देना चाहिए. केवल आरोप लगाने से क्या होता है.
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