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Bihar Muzaffarpur Ashutosh Shahi Murder Case Panic In The City


Ashutosh Shahi Murder Case: बीते रात यानी 21 जुलाई को मुजफ्फरपुर शहर में 4 बदमाशों ने मिलकर जबरदस्त मौत का तांडव किया. इसमें शहर के जाने-माने प्रॉपर्टी डीलरआशुतोष शाही और उनके दो निजी अंगरक्षक को बदमाशों ने गोलियों से छलनी कर दिया. वहीं एक अधिवक्ता और एक बॉडीगार्ड बुरी तरह से घायल हो गए.

इस पूरे घटनाक्रम को लेकर शहर के लोगों में खौफ का माहौल है. लोग डरे हुए हैं. हालांकि यह घटना इस शहर के लिए कोई नई बात नहीं है. इससे पहले भी कई बार इस तरह की घटनाएं हो चुकी हैं. फिलहाल इस मामले में बिहार पुलिस हर बिंदु पर छानबीन कर रही है. सीसीटीवी खंगाल रही है और आरोपी तक पहुंचने की पूरी कोशिश कर रही है.

कौन है आशुतोष शाही?

आशुतोष शाही मुजफ्फरपुर के चर्चित प्रॉपर्टी डीलर हैं. वह 2019 में मुजफ्फरपुर लोकसभा से चुनाव भी लड़े थे. 2018 में हुए समीर कुमार हत्याकांड में भी उनका नाम आया था. समीर कुमार मुजफ्फरपुर शहर के पहले मेयर थे. इस कांड को लेकर उनकी गिरफ्तारी भी हुई थी. हालांकि कुछ दिन बाद ही कोर्ट ने उन्हें बेल दे दी थी और वह जेल से बाहर आ गए थे.

मंटू शर्मा से आशुतोष शाही की थी अदावत

कुख्यात मंटू शर्मा से भी आशुतोष की अदावत थी. पिछले वर्ष मंटू शर्मा ने आशुतोष शाही के गुट के विजेंद्र उफ विक्कू को मोबाइल पर धमकी दी थी. इसमें एक जमीन के सौदे में धोखे को लेकर 50 लाख की रुपये की मांग की गई थी. विक्कू ने इसकी प्राथमिकी दर्ज कराई थी. इस पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने मुंबई में मंटू शर्मा को गिरफ्तार किया था. बाद में मंटू शर्मा को जमानत मिल गई.

‘मुजफ्फरपुर का मतलब है माफिया तंत्र’

मुजफ्फरपुर शहर में 90 के दशक में इस तरह की घटनाएं आम हुआ करती थी. गैंगवार की घटना अक्सर देखने को मिल जाया करती था. आशुतोष शाही की हत्या फिर से सारी कहानी को ताजा कर रही है. वहीं पप्पू यादव ने मीडिया से बात करते हुए कहा है कि मुजफ्फरपुर का मतलब है माफिया तंत्र. उन्होंने कहा कि यहां वर्चस्व की लड़ाई है. हालांकि बातों ही बातों में उन्होंने भीष्म पितामह का जिक्र कर दिया. उन्होंने कहा कि शहर में पहले भी एक भीष्म पितामह थे, और आज भी एक भीष्म पितामह हैं.

एसएसपी राकेश कुमार ने जारी किया बयान

पूरे मामले पर मीडिया बात करते हुए मुजफ्फरपुर के एसएसपी राकेश कुमार मीडिया के सवाल पर कहा कि अपराधियों ने मिलकर कारनामे को अंजाम दिया है. दो अपराधी अधिवक्ता के घर में घुसे थे और दो अपराधी घर के बाहर थे. घटना में किस हथियार के इस्तेमाल हुए हैं इस सवाल पर उन्होंने कहा कि फिलहाल तो अभी पिस्टल की बात हो रही है. हालांकि फॉरेंसिक जांच के बाद सब कुछ क्लियर हो जाएगा.

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