Bihar Does Not Like Bhojpuri Stars In Elections Why Dont Political Parties Not Giving Ticket – Explainer: बिहार को चुनाव में पसंद नहीं भोजपुरी सितारे? राजनीतिक दल क्यों नहीं आजमाते दांव?
नई दिल्ली:
भोजपुरी सितारे राष्ट्रीय राजनीति (National politics) में तो धूम मचा रहे हैं, लेकिन वे बिहार में चुनावी मुकाबले में उनकी अनुपस्थिति साफ दिखायी देती है. भोजपुरी एक ऐसी भाषा है जो विदेश में मॉरीशस, सूरीनाम, त्रिनिदाद और टोबैगो जैसे देशों में भी बोली जाती है. बिहार के कैमूर जिले के अतरवलिया गांव के निवासी मनोज तिवारी (Manoj Tiwari) ने दिल्ली को अपनी राजनीतिक ‘‘कर्मभूमि” बनाया है, जबकि रवि किशन और दिनेश लाल यादव ‘निरहुआ’ उत्तर प्रदेश से फिर से चुनाव लड़ रहे हैं.
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पवन सिंह की बिहार में नहीं बनी बात?
लोकसभा चुनाव की घोषणा से पहले आरा के मूल निवासी पवन सिंह के चुनावी मैदान में उतरने की काफी चर्चा थी. उन्हें टिकट भी मिला लेकिन पश्चिम बंगाल से. पवन सिंह ने एक विवाद के बाद चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया. चर्चा यह थी कि पवन सिंह बीजेपी से बिहार की आरा सीट से ही टिकट मांग रहे थे हालांकि पार्टी ने उनके ऊपर विश्वास नहीं जताया. वहीं चर्चा यह भी रही कि पवन सिंह चुनाव लड़ने के लिए विपक्षी दलों के संपर्क में भी हैं. हालांकि अभी तक उनके नाम का ऐलान नहीं किया गया है.
नेहा सिंह राठौड़ दिल्ली से लड़ सकती है चुनाव
अटकलें हैं कि अपने गानों से इंटरनेट पर सुर्खियां बटोरने वाली नेहा सिंह राठौड़ को कांग्रेस का टिकट मिल सकता है. वह राहुल गांधी की ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ सहित पार्टी के कई कार्यक्रमों में शामिल होने दिखी हैं.
भोजपुरी/मगही गायक गुंजन कुमार निर्दलीय लड़ रहे हैं चुनाव
बिहार से चुनाव मैदान में उतरने वाले एकमात्र लोकप्रिय भोजपुरी/मगही गायक गुंजन कुमार ने कहा, ‘‘कई भोजपुरी सुपरस्टार आगामी लोकसभा चुनाव के लिए मैदान में हैं, लेकिन क्षेत्रीय फिल्म जगत के केंद्र कहे जाने वाले बिहार या पड़ोसी राज्य झारखंड से किसी को भी मैदान में नहीं उतारा गया है.” कुमार नवादा लोकसभा क्षेत्र से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ रहे हैं जहां 19 अप्रैल को मतदान होगा.
शत्रुघ्न सिन्हा ही अंतिम अभिनेता थे जिन्हें बिहार में मिला था टिकट
विधानसभा में भोजपुरी गायक विनय बिहारी पश्चिमी चंपारण की लौरिया विधानसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायक हैं. कुमार ने कहा, ‘‘यदि याद करूं तो बिहारी बाबू के नाम से लोकप्रिय शत्रुघ्न सिन्हा ही अंतिम अभिनेता थे, जो राज्य में लोकसभा चुनाव के लिए खड़े हुए थे और उन्होंने पटना सहिब निर्वाचन क्षेत्र से दो बार जीत दर्ज की थी. उसके बाद 2019 में उन्हें टिकट नहीं दिया गया लेकिन अब वह पश्चिम बंगाल की आसनसोल सीट से फिर चुनाव लड़ रहे हैं.”
कोई भी दल मुझे टिकट देने को तैयार नहीं था: विनय बिहारी
विनय बिहारी ने कहा कि भाजपा ने 2014 में शत्रुघ्न सिन्हा को पटना साहिब से टिकट दिया था जहां से उन्होंने जीत हासिल की, लेकिन उसके बाद किसी भी भोजपुरी अभिनेता या गायक को बिहार से लोकसभा का टिकट नहीं दिया गया. उन्होंने यह भी कहा कि जनता दल यूनाइटेड (जद-यू) ने 2014 में पश्चिम चंपारण से फिल्म निर्माता प्रकाश झा को लोकसभा का टिकट भी दिया था. उन्होंने कहा, ‘‘मै इस दर्द को समझ सकता हूं. जब मैंने 2010 में लौरिया विधानसभा सीट से चुनाव जीता था, उस समय निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में खड़ा हुआ था. इसके बाद मैं भाजपा में शामिल हो गया और 2015 और 2020 में जीत हासिल की. 2010 के विधानसभा में कोई भी दल मुझे टिकट देने को तैयार नहीं था.”
बीजेपी भोजपुरी अभिनेताओं को दे रही है मौका: रवि किशन
लोकप्रिय भोजपुरी अभिनेता एवं गोरखपुर लोकसभा सीट से भाजपा के उम्मीदवार रवि किशन ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘कम से कम हमारी पार्टी (भाजपा) के मामले में ऐसा नहीं है. हमारा शीर्ष नेतृत्व भोजपुरी अभिनेता और गायक समेत किसी भी व्यक्ति को टिकट देने से पहले विभिन्न सामाजिक समीकरणों सहित हर पहलू का विश्लेषण करता है. पार्टी का टिकट हमेशा सबसे योग्य उम्मीदवार को दिया जाता है. बिहार में भी यही स्थिति है.”
लालू प्रसाद ने हमेशा दिया है सम्मान : राजद प्रवक्ता
राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के वरिष्ठ नेता एवं पार्टी के प्रवक्ता (बिहार इकाई) मृत्युंजय तिवारी ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ”शीर्ष नेतृत्व द्वारा लोकसभा टिकट देते समय कई कारकों को ध्यान में रखा जाता है. हमारी पार्टी के प्रमुख लालू प्रसाद जी ने हमेशा से भोजपुरी कलाकारों को उचित सम्मान दिया है. मुझे यकीन है कि आने वाले वर्षों में तेजस्वी प्रसाद यादव जी के नेतृत्व में हमारी पार्टी भोजपुरी अभिनेताओं/गायकों को लोकसभा चुनाव में उतारने पर विचार करेगी.”
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