Bihar Cm Nitish Kumars Proposed Varanasi Rally Postponed Jdu Comment Ann
Patna News: बिहार के सीएम नीतीश कुमार (Nitish Kumar) की वाराणसी रैली स्थगित हो गई है. नीतीश कुमार 24 दिसंबर को वाराणसी के रोहनिया विधानसभा क्षेत्र में एक जनसभा को संबोधित करने वाले थे. कार्यक्रम के स्थगन की जानकारी बिहार सरकार के एक मंत्री ने दी. मंत्री जमा खान ने कार्यकर्ताओं के नाम जारी संदेश में कहा कि ”आप सभी कार्यकर्त्ताओं और दर्शकों को सूचित किया जाता है कि दिनांक 24.12.2023 को जिला वाराणसी के रोहनिया में बिहार सरकार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का कार्यक्रम होने जा रहा था, किसी कार्यवश कार्यक्रम स्थगित हो गया है. जल्द ही अगली तारीख का एलान किया जाएगा.”
लोकसभा चुनाव को लेकर बने I.N.D.I.A गठबंधन में नीतीश कुमार की भूमिका अहम मानी जा रही है. ऐसे में उनके हर राजनीतिक बयान और कदम के सियासी मायने निकाले जाते हैं. सीएम नीतीश की वाराणसी में होने वाले रैली के भी सियासी मायने निकाले जा रहे हैं. ये रैली ऐसे समय में होने वाली थी जब नीतीश कुमार के अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव लड़ने की चर्चा गाहे-बगाहे हो जाती है. फूलपुर सीट का जिक्र होता है. हालांकि, अभी तक कोई तस्वीर साफ नहीं हुई है लेकिन सियासी अटकलों का बाजार गरमाया हुआ है. जेडीयू के समर्थक/नेता कई मौकों पर नीतीश कुमार को पीएम पद का चेहरा बता चुके हैं, हालांकि नीतीश कुमार इसे सिरे से नकारते रहे हैं.
हिम्मत है तो पीएम मोदी के खिलाफ चुनाव लड़ें- सुशील मोदी
उधर, नीतीश कुमार की रैली पर बुधवार को बीजेपी के वरिष्ठ नेता सुशील मोदी ने प्रतिक्रिया दी थी. सुशील मोदी ने नीतीश कुमार को ‘फ्यूज्ड बल्ब’ कहकर संबोधित किया था और साथ ही उन्हें पीएम मोदी के खिलाफ वाराणसी से चुनाव लड़ने की चुनौती दे दी. सुशील मोदी ने कहा, ”नीतीश कुमार फ्यूज्ड बल्ब हैं जो टिमटिमा सकता है लेकिन कभी जलता नहीं. वह मध्य प्रदेश में अपने उम्मीदवारों को जीत नहीं दिला पाए. उनका प्रभाव उनके राज्यों तक ही सीमित है. वह अखिलेश यादव के कारण रैली कर रहे हैं. हिम्मत है तो पीएम मोदी के खिलाफ लड़ें.”
आरजेडी नेता ने किया नीतीश कुमार का बचाव
उधर, आरजेडी नेता मनोज झा ने नीतीश कुमार की वाराणसी में प्रस्तावित रैली को लेकर कहा कि इसमें क्या गलत है. झा ने कहा, ”क्या वह अपराध कर रहे हैं? क्या पीएम मोदी वाराणसी के मालिक हैं? जन प्रतिनिधि तो जन प्रतिनिधि होता है. इस बात की कोई गारंटी नहीं है कि अगली बार वह चुना ही जाएगा.”
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