BIHAR After spending 36 years in jail Aurangabad Civil Court ADJ acquitted five accused who were caught in a goat dispute ann
ADJ Acquitted Five Accused: औरंगाबाद में आज यानी सोमवार (09 अगस्त) को व्यवहार न्यायालय के एडीजे दस सौरभ सिंह ने एक ऐतिहासिक फैसला सुनाया है. यह फैसला दाउदनगर थाना कांड संख्या -123/88,एस .टी. आर -73/92 में निर्णय पर सुनवाई करते हुए सुनाया गया है. न्यायाधीश सौरभ सिंह की अदालत ने तमाम गवाहों की गवाही को सुनने के बाद मामले में जीवित बचे पांच अभियुक्तों को दोषमुक्त करार देते हुए 36 वर्ष बाद उन्हें रिहा कर दिया है. रिहाई के बाद अभियुक्तों ने न्यायालय के प्रति आभार व्यक्त किया है, लेकिन उन्हें इस मामले में न्याय काफी विलंब से मिला जिसका मलाल है.
25 जून 1988 में हुई थी प्राथमिकी दर्ज
मामले की पूरी जानकारी देते हुए व्यवहार न्यायालय के अधिवक्ता सतीश कुमार स्नेही ने बताया कि इस मामले के सूचक दाउदनगर थाना क्षेत्र के असलेमपुर निवासी राजन राय हैं, जिन्होंने 25 जून 1988 को दाउदनगर थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई थी. दर्ज कराई गई प्राथमिकी में उन्होंने बताया था कि 12 लोग सुबह 05 बजे उनके घर पहुंच कर 600 रुपये की दो बकरियां जबरदस्ती ले जाने लगे, जिनका विरोध किया गया.
विरोध करने पर उनलोगों ने न सिर्फ मारपीट की बल्कि घर में आग भी लगा दी. अधिवक्ता ने बताया कि मामला लंबा चलने के कारण इस वाद के पांच अभियुक्तों की मौत हो चुकी है और दो अभियुक्तों का पृथक वाद है. अन्य पांच अभियुक्त दाउद नगर के असलेमपुर के लखन राय, मदन राय, विशुनदयाल राय, दीनदयाल राय और मनोज राय को भादंवि धारा -436/34 में दोषमुक्त कर रिहाई का आदेश दिया है.
वहीं एक अन्य मामले में व्यवहार न्यायालय औरंगाबाद के एडिजे सह स्पेशल पोक्सो कोर्ट जज लक्ष्मीकांत मिश्रा ने एक अभियुक्त बलिया गांव निवासी रवि किशन को दस साल की सजा और दस हजार जुर्माना लगाया है. कुटुम्बा थाना कांड संख्या -37/19 में ये सजा सुनाई गई है. स्पेशल पीपी शिवलाल मेहता ने बताया कि अभियुक्त को भादंवि धारा -326 ए में दस साल की सजा और दस हजार जुर्माना लगाया है. वहीं भादंवि धारा-354 में तीन साल की सजा सुनाई है. दोनों सजाएं साथ-साथ चलेंगी. उन्होंने बताया की सूचक ने केस अज्ञात पर किया था, लेकिन अनुसंधान के क्रम में अभियुक्त का नाम आया और इसमें एक अन्य अभियुक्त का वाद बाल न्यायालय औरंगाबाद में चल रहा था.
10 मार्च 2019 को दर्ज हुई थी प्राथमिकी
उन्होंने बताया कि सुनवाई के दौरान अभियुक्त रवि किशन को 05 सितंबर 2024 को दोषी ठहराया गया था और बंधपत्र विखंडित कर जेल भेज दिया गया था. अधिवक्ता सतीश कुमार स्नेही ने बताया कि इस तेजाब कांड के सूचक ने इसकी प्राथमिकी 10 मार्च 2019 को दर्ज कराई थी, जिसमें कहा था कि गांव से रोजाना मेरी बच्ची एक निजी स्कूल साईकिल से जाती थी. आज रास्ते में एन एच 139 पर हरदत्ता गांव के महाबीर मंदिर के पास काले रंग के बाइक पर सवार अज्ञात लोगों ने एसिड से उनकी बच्ची पर हमला कर दिया.
जिससे बच्ची सड़क पर गिर कर छटपटाने लगी तो राहगीरों ने उसे इलाज के लिए रेफरल अस्पताल पहुंचाया. कमलेश पासवान थाना प्रभारी कुटुबा से प्राथमिकी दर्ज कराई थी. अधिवक्ता ने बताया कि शुरुआती इलाज के लिए सरकारी राशि पीड़िता को प्रदान की गई थी और मेडिकल बोर्ड गठन किया गया था, पीड़ित पक्ष को आज भी उचित मुआवजा का इंतजार है क्योंकि पीड़िता का इलाज आज तक चल रहा है.
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