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Bhupinder Singh Hooda held meeting with 31 Congress MLAs Before Haryana CLP meeting Selja Kumari Chander Mohan


Haryana Assembly Election 2024: हरियाणा में लगातार हार का कारण तलाश रही कांग्रेस शुक्रवार (18 अक्टूबर) को विधायक दल का नेता चुनेगी. कार्यवाहक मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी 17 अक्टूबर को मुख्यमंत्री का कार्यभार संभालेंगे. वहीं अगले दिन कांग्रेस ने विधायक दल का नेता चुनने के लिए चंडीगढ़ में विधायक दल की बैठक बुलाई है. उससे पहले कांग्रेस के सीनियर नेता और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने विधायक दल के नेता के लिए अपनी दावेदारी ठोक दी है.

दरअसल, बुधवार (16 अक्टूबर) को भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने दिल्ली स्थित अपने आवास पर कुल 37 में से 31 नवनिर्वाचित कांग्रेस विधायकों की बैठक बुलाई, इसे उनके शक्ति प्रदर्शन के रूप में देखा गया. हालांकि, विधानसभा चुनावों में पार्टी को बड़ा झटका लगने के बाद हुड्डा के लिए आगे की राह कठिन हो सकती है. कांग्रेस विधायक दल की बैठक के लिए मंच तैयार होने के साथ ही पार्टी में यह सवाल उठ रहा है कि क्या हुड्डा कांग्रेस विधायक दल के नेता के रूप में अपनी जगह बरकरार रख पाएंगे या नहीं?

वहीं बैठक से पहले एक विधायक ने कहा, “विधायकों को कई फोन कॉल और मैसेज भेजे गए, जिसमें उन्हें हुड्डा के आवास पर पहुंचने के लिए कहा गया. जल्द ही स्थिति स्पष्ट हो जाएगी कि कितने विधायक उनके पक्ष में हैं. अगर उन्हें विधायकों का बहुमत मिलता है, तो संभावना है कि पार्टी हाईकमान विधायकों की इच्छा का पालन करे और उन्हें फिर से विधायक दल के नेता के रूप में चुन लिया जाए. हालांकि, यह फैसला पूरी तरह से हाईकमान के हाथ में है.”

कुमारी सैलजा के साथ कितने विधायक?
हुड्डा की बैठक में शामिल न होने वाले पांच विधायकों में शैले चौधरी (नारायणगढ़), चंद्र मोहन (पंचकूला), आदित्य सुरजेवाला (कैथल), रेनू बाला (साढौरा) और अकरम खान (जगाधरी) हैं, जो हुड्डा के एंटी और एआईसीसी महासचिव कुमारी सैलजा और रणदीप सुरजेवाला के साथ हैं. दरअसल कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि शैलजा पंचकूला के विधायक चंद्र मोहन की उम्मीदवारी का समर्थन कर रही हैं, जो नए सीएलपी चेहरे के रूप में हैं. वह चार बार विधायक और पूर्व उपमुख्यमंत्री रह चुके हैं.

हुड्डा ने क्या कहा?
फिलहाल हुड्डा ने कहा, “यह एक अनौपचारिक बैठक थी. हमारी अच्छी चर्चा हुई. सभी ने कहा कि हम सभी एकजुट होकर हरियाणा और देश के लोगों के अधिकारों और कल्याण के लिए लड़ेंगे. जहां तक ​​कांग्रेस विधायक दल के नेता के चुनाव का सवाल है, बैठक 18 अक्टूबर को चंडीगढ़ में होगी वहां यह फैसला लिया जाएगा.” 

बता दें कांग्रेस को भरोसा था कि वह बीजेपी को सत्ता से बेदखल कर देगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ और बीजेपी जीत गई. बीजेपी ने 90 में से 48 सीटें जीतीं, जबकि कांग्रेस को 37 सीटें मिलीं. कांग्रेस के खराब प्रदर्शन के लिए राज्य इकाई में गुटबाजी और अंदरूनी कलह को जिम्मेदार ठहराया गया.

जानकारी के अनुसार, राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, कांग्रेस के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष और राज्यसभा सदस्य अजय माकन और पंजाब में विपक्ष के नेता प्रताप सिंह बाजवा कांग्रेस विधायक दल की बैठक में पर्यवेक्षक के रूप में मौजूद रहेंगे.

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