Bhopal Administration laid 12 conditions for coaching operation after Delhi Coaching Accident ANN
Bhopal News Today: दिल्ली में कोचिंग सेंटर में घटित हुई घटना के बाद से भोपाल जिला प्रशासन अलर्ट मोड पर है. जिला प्रशासन के अफसर लगातार भोपाल में कोचिंग सेंटरों की जांच पड़ताल कर रहे हैं.
जांच के दौरान बेसमेंट में व्यावसायिक गतिविधियां संचालित होने पर उन्हें सील करने की कार्रवाई की जा रही है. जिला प्रशासन ने कोचिंग सेंटर संचालकों के साथ मीटिंग कर उन्हें समझाईश दी. प्रशासन ने कोचिंग सेंटर संचालन के लिए संचालकों को 12 नियमों के पालन को आवश्यक कर दिया है.
संचालकों के साथ अधिकारियों ने की बैठक
एसडीएम एमपी नगर आशुतोष शर्मा ने एमपी नगर के कोचिंग संचालकों के साथ बैठक की. एसडीएम शर्मा ने कहा कि बेसमेंट में पार्किंग के अलावा कुछ और बर्दाश्त नहीं करेंगे, एक माह बाद जांच की जाएगी, खामियां मिलने पर तालाबंदी की जाएगी.
बैठक में एसीपी (ट्रैफिक) मिलन जैन, एसीपी एमपी नगर अक्षय चौधरी, उपयंत्री इलेक्ट्रिक सेफ्ट प्रिया सिंह, जोनल अधिकारी शैलेन्द्र चौहान सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे.
कोचिंग संचालकों ने की शिकायत
बैठक के दौरान कोचिंग संचालकों ने भी अपनी बात रखते हुए बताया कि 90 फीसदी कोचिंग किराए के भवन में हैं. उन्होंने बताया कि ऑनर, फायर हाइड्रेंट और इलेक्ट्रिक ऑडिट के लिए सहयोग नहीं करते हैं, ऐसे में हम इतना खर्च कैसे उठाएंगे.
इसके साथ ही कोचिंग संचालकों ने कहा कि मल्टीलेबल पॉर्किंग एमपी नगर जोन-1 में है, जबकि अधिकांश कोचिंग जोन-2 में हैं. स्टूडेंट्स वहां तक कैसे आएंगे. भवन भी बहुत पुराने हैं, बोरिंग या हाइड्रेंट की व्यवस्था नहीं है.
इन 12 नियमों का करना होगा पालन
1. बेसमेंट में पार्किंग के अलावा लाइब्रेरी, क्लासेस, कारोबार, दफ्तर या अन्य गतिविधि नहीं चला सकते हैं.
2. स्टूडेंट्स और वैन संचालक अपने वाहन एमपी नगर जोन-1 की मल्टीलेवल पार्किंग में पार्क करें. नगर निगम मंथली पास की व्यवस्था करेगा.
3. आग की संभावित घटनाओं को रोकने के लिए फायर सेफ्टी के सभी मानकों का पालन होना आवश्यक है.
4. शॉर्ट सर्किट से दुर्घटनाएं रोकने इलेक्ट्रिक ऑडिट कराएं.
5. समय-समय पर लिफ्ट का ऑडिट कराएं.
6. भवन में इमरजेंसी एक्जिट की व्यवस्था, जहां व्यवस्था नहीं है, वह अपने ऑनर से बात करें.
7. आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए हर फ्लोर पर एक प्रशिक्षित कर्मचारी रखा जाए.
8. भवनों का समय्र-समय पर मेंटनेंस किया जाए.
9. स्टूडेंट्स के लिए फस्र्ट एंड बाक्स और कंसलटेंट डॉक्टर की व्यवस्था की जाए.
10. आपातकालीन परिस्थितियों से निपअने के लिए स्टूडेंट्स की काउंसलिंग की जाए. प्रशासन भी उन्हें समय-समय पर प्रशिक्षण देगा.
11. संस्थान में भवन का ले आउट और चेक लिस्ट रखें. इसमें इमरजेंसी फोन नंबर, फायर एक्जिट या फायर अलार्म कहां है, यह लिखा हो.
12. केंद्र सरकार की गाइड का पालन हो. 16 वर्ष से कम आयु के बच्चों को एडमिशन न दें.
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