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Bhojshala Survey by ASI 49th day Buddhist community is also claiming Madhya Pradesh know ann


Bhojshala Survey: धार की ऐतिहासिक भोजशाला कमाल मौला मस्जिद में किए जा रहे सर्वे के दौरान निकल रही मूर्तियों और अन्य अवशेष इस बात को साबित करेंगे कि आखिरकार विवादित इमारत पर आधिपत्य किसका होना चाहिए यह निर्णय माननीय न्यायालय को लेना है, लेकिन पिछले दिनों सर्वे के दौरान यहां निकली एक मूर्ति जिसे गौतम बुद्ध की बताई जा रही है. उसको लेकर अब एएसआई के अधीन भोजशाला कमाल मौला मस्जिद के अधिपति को लेकर हिंदू, मुस्लिम समाज के अलावा बौद्ध समाज भी अपना दावा ठोक रहा है.

विवादित इमारत में गौतम बुद्ध की प्रतिमा की जानकारी लगते ही बौद्ध समाज और बुद्धिस्ट संगठन ने राष्ट्रपति के नाम एक ज्ञापन प्रशासन के अधिकारियों को सौंपा जिसमें मांग की गई की भोजशाला कमाल मौला मस्जिद में सर्वे के दौरान निकली गौतम बुद्ध की मूर्ति को विवादित इमारत में स्थापित कर उसका नाम बौद्ध शाला किया जाए और बुद्ध पूर्णिमा 23 मई  2024 को  बोद्धिसत्व मनाने के लिए भोजशाला कमाल मौला मस्जिद में दिनभर बौद्ध वंदना करने की परमिशन दी जाए.

आपको बता दें कि उच्च न्यायालय इंदौर के आदेश पर धार की विवादित भोजशाला कमाल मौला मस्जिद के एकाधिकार को लेकर एएसआई की सर्वे टीम 22 मार्च से निरंतर विवादित इमारत के इतिहास को खोजने में जुटी हुई है. सर्वे का आज  49वां दिन था. आज एएसआई के 14 अधिकारी 22 मजदूरों के साथ भोजशाला कमाल मौला मस्जिद में सर्वे किया.
     
एएसआई सर्वे टीम इमारत के गर्भगृह के अलावा पश्चिम से दक्षिण क्षेत्र में दीवार की मिट्टी हटाने और लेवलीग का कार्य किया जा रहा है. इसके अलावा उत्तर में उत्तर मध्य और उत्तर पूर्व में मिट्टी हटाने का कार्य किया गया.अगर हम बात करें इमारत के गर्भगृह की तो वहां भी पूरब से पश्चिम की ओर अंदर जो खुदाई की जा रही है.

खुदाई के दौरान जो दीवार दिखाई दे रही है उसकी अब तक नींव दिखाई नहीं दी है अब देखना होगा कि अंदर पूर्व से पश्चिम तक जो खुदाई की जा रही है वह और कितनी गहरी हो सकती है. सर्वे के दौरान भोजशाला कमाल मौला मस्जिद में अलग-अलग स्थान से बड़ी मात्रा में अवशेष भी मिल रहे हैं.
      
हिंदू पक्ष के पंडित गोपाल शर्मा के अनुसार 22 मार्च से चल रहे सर्वे में मिल रहे अवशेष हिंदू पक्ष के दावे को और मजबूत कर रहा है यहां निकल रहे अवशेषों में अधिकांश सनातनी धर्म से संबन्धित पाए गए हैं.
      
इधर मुस्लिम पक्ष के अब्दुल समद ने जो अवशेष निकल रहे हैं उसपर प्रश्न चिन्ह लगाते हुए कहा कि हो सकता है किसी जमाने में रा मटेरियल यहां लाकर डाला गया हो यह मॉन्यूमेंट के निर्माण का हिस्सा नहीं है.

(धार से साबिर खान की रिपोर्ट)



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