Bharatpur lok Adalat Husband wife dispute ended mutual agreement reached ann | भरतपुर राष्ट्रीय लोक अदालत में पति
Bharatpur Lok Adalat News: राजस्थान के भरतपुर जिले में आज शनिवार (13 जुलाई) को लोक अदालत का आयोजन किया गया. लोक अदालत में हजारों ऐसे मामलों का निस्तारण किया गया जिनमें पक्षकार कई वर्षों से कोर्ट के चक्कर लगा रहे थे. आज 2 सौ से अधिक पारिवारिक मामलों का निस्तारण किया गया. इन मामलों में ज्यादातर पति-पत्नी साथ-साथ कोर्ट से अपने घर के लिए लौटे.
पारिवारिक कोर्ट में चल रहे कई मामलों में भरण पोषण राशि दिलाई गई है. इसके अलावा बिजली से संबंधित, बैंक से संबंधित, झगड़े, जमीन विवादों का भी आपसी समझौते से निस्तारण किया गया. लोक अदालत में एक ऐसे मामले का निस्तारण हुआ जिसमें पत्नी अपने पति और बच्चों के साथ अपने घर लौटे.
पति – पत्नी ने पहनाई एक – दूसरे को माला
लखनपुर थाना क्षेत्र के गांव अस्तल के रहने वाले पति और पत्नी दोनों ने एक दूसरे पर कोर्ट में केस किया हुआ था. अस्तल निवासी रोहिताश ने बताया कि उसकी शादी 2015 में उत्तर प्रदेश में आगरा जिले के फतेहपुर सीकरी इलाके के महदउ गांव की रहने वाली देव कुमारी से हुई थी. शादी के बाद रोहिताश और देव कुमारी के दो बच्चे हुए जिसमें बड़ा लड़का 7 साल और छोटी लड़की 3 साल की है. लगभग 1 साल पहले दोनों में किसी बात को लेकर मनमुटाव हो गया. दोनों बच्चे रोहिताश के पास रहने लगे.
इस दौरान देव कुमारी ने आगरा कोर्ट से दहेज़ प्रताड़ना का रोहिताश के ऊपर केस कर दिया. दूसरी तरफ रोहिताश ने भी देव कुमारी के ऊपर सेक्शन 9 में केस कर दिया. दोनों का केस चल रहा था. यह मामला आज लोक अदालत में दोनों को बैठा कर समझाइश की गई. जिसके बाद दोनों एक दूसरे के साथ रहने के लिए तैयार हुए. दोनों ने एक दूसरे को कोर्ट में मालाएं पहनाई. जिसके बाद देव कुमारी अपने पति और बच्चों के साथ घर चली गई. रोहिताश उच्चैन में मोटर वाइंडिंग का काम करता है.
क्या कहना है जिला न्यायाधीश का
जिला न्यायाधीश केशव कौशिक ने बताया है की नेशनल लीगल अथॉरिटी के तत्वाधान में और स्टेट लीगल समिति जयपुर और जोधपुर के तत्वाधान में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की और से जिला भरतपुर मुख्यालय और भरतपुर के अन्य कोर्ट में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया जा रहा है. लोक अदालत में बैंकिंग , मोटर दुर्घटना, बिजली बिल संबंधित मामलों और अन्य जो भी दोनों पक्षकार आपस में राजीनामा कर सकते है उनके लिए 22 बेंच गठित की गई है. आज लोक अदालत में दो सौ से अधिक पारिवारिक केस के साथ ही हजारों केस में आपसी राजीनामा कराया गया है.
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