Bhaichung Bhutia Joined Party Of Former Sikkim CM Pawan Chamling Also Merged His Party Hamro Sikkim Party – बाईचुंग भूटिया ने अपने दल हमरो सिक्किम पार्टी का सिक्किम के पूर्व CM पवन चामलिंग की पार्टी में किया विलय
गंगटोक:
पूर्व भारतीय फुटबॉल कप्तान बाईचुंग भूटिया बृहस्पतिवार को पूर्व मुख्यमंत्री पवन कुमार चामलिंग के नेतृत्व वाले विपक्षी दल सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट (एसडीएफ) में शामिल हो गये. भूटिया ने राज्य की राजधानी गंगटोक से लगभग 70 किलोमीटर दूर दक्षिण सिक्किम के रावंगला में एक रैली में हमरो सिक्किम पार्टी (एचएसपी) का एसडीएफ में विलय कर दिया, जिसे उन्होंने 2019 के लोकसभा और राज्य विधानसभा चुनावों से पहले बनाया था.
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राज्य में संसदीय चुनावों के अलावा विधानसभा चुनाव अगले साल होने हैं. चामलिंग ने भूटिया को तिब्बती बौद्ध धर्म में इस्तेमाल किया जाने वाला पारंपरिक दुपट्टा ‘खाड़ा’ और एक एसडीएफ ध्वज देकर अपनी पार्टी में उनका स्वागत किया, जबकि सैकड़ों पार्टी कार्यकर्ताओं ने पूर्व भारतीय फुटबॉल कप्तान के समर्थन में नारेबाजी की. भूटिया ने भी चामलिंग की प्रशंसा करते हुए कहा कि सिक्किम को विकास और समृद्धि के पथ पर ले जाने के लिए उनके जैसे अनुभवी नेता की जरूरत है. उन्होंने कहा, ‘‘हम यह सुनिश्चित करेंगे कि पांच बार के मुख्यमंत्री 2024 के विधानसभा चुनाव के बाद सत्ता में वापसी करें.”
भारत में सबसे लंबे समय तक मुख्यमंत्री रहने वाले चामलिंग 1994 से 2019 के बीच सिक्किम में मुख्यमंत्री रहे. वह 2019 में वर्तमान मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग के सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा (एसकेएम) से हार गए. एसकेएम ने 32 में से 17 सीटें जीतीं, शेष 15 पर एसडीएफ ने जीत दर्ज की. हालांकि, चामलिंग को छोड़कर एसडीएफ के सभी विधायक बाद में एसकेएम या भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल हो गए.
भूटिया ने अपने संबोधन में तमांग पर कुप्रबंधन, कुशासन और भ्रष्टाचार का आरोप लगाया. उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘तमांग सरकार ने पिछले साढ़े चार साल में 20,000 करोड़ रुपये का कर्ज लिया है, लेकिन कोई नहीं जानता कि यह सारा पैसा कहां गया.” हमरो सिक्किम पार्टी बनाने से पहले, भूटिया ने 2014 का लोकसभा चुनाव दार्जिलिंग से और 2016 का विधानसभा चुनाव पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी से तृणमूल कांग्रेस के टिकट पर लड़ा था, लेकिन दोनों बार हार गए. हमरो सिक्किम पार्टी को भी मतदाताओं का समर्थन नहीं मिला, उसे दो प्रतिशत से भी कम वोट मिले और 2019 के विधानसभा चुनावों में उसके सभी उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई.
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)