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Bhagwant Mann Punjab CM Assured State Rice Millers To Take up their issues with Centre called off Strike


Bhagwant Mann On Rice Millers: पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने राइस मिल मालिकों की समस्याओं के समाधान करने का वादा किया है. उन्होंने शनिवार (5 अक्टूबर) को राज्य के चावल मिल मालिकों को आश्वासन दिया कि वह उनके मुद्दों को केंद्र के समक्ष उठाएंगे. एक सरकारी बयान के अनुसार सीएम से भरोसा मिलने के बाद राइस मिल मालिकों ने अपनी हड़ताल खत्म कर दी.

चावल मिलर्स एसोसिएशन के प्रतिनिधियों के साथ एक बैठक के दौरान सीएम भगवंत मान ने कहा, ”राज्य सरकार ने पहले ही भारत सरकार के सामने फसलों को स्टोर करने जगह की कमी का मुद्दा उठाया है, जिसके बाद वह राज्य में दिसंबर 2024 तक 40 लाख मीट्रिक टन जगह खाली करने पर सहमत हो गई है.”

राइस मिलें क्यों थी हड़ताल पर?

धान की फसल के भंडारण के लिए अधिक जगह बनाने सहित विभिन्न मांगों के समर्थन में राइस मिलें हड़ताल पर थीं. मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र ने राज्य से गेहूं और धान की आवाजाही के संबंध में लिखित आश्वासन दिया है, उन्होंने कहा कि भारतीय खाद्य निगम ने पहले ही राज्य में 15 लाख मीट्रिक टन गेहूं और धान की आवाजाही के लिए एक योजना प्रस्तुत की है.

48 लाख मीट्रिक टन गेहूं का भंडारण किया गया- CM मान

सीएम मान ने आगे कहा, ”राज्य सरकार के स्वामित्व वाले और किराए के गोदामों में 48 लाख मीट्रिक टन गेहूं का भंडारण किया गया है और मार्च 2025 तक इसकी मूवमेंट हो जाएगी. उन्होंने कहा कि फ्री स्टोरेज का उपयोग धान के भंडारण के लिए किया जाएगा. एक अन्य मुद्दे पर चर्चा करते हुए सीएम ने कहा कि जिन मिल मालिकों के पास 5,000 मीट्रिक टन से अधिक धान भंडारण क्षमता है, उन्हें अधिग्रहण लागत के 5 प्रतिशत के बराबर बैंक गारंटी देनी होगी.

हालांकि, उन्होंने कहा कि अब से मिल मालिकों से बैंक गारंटी लेने के बजाय मिल के भूमि रिकॉर्ड के आधार पर इस समस्या का समाधान किया जाएगा. मान ने मिल मालिकों की 10 प्रतिशत कस्टम मिल्ड चावल (सीएमआर) प्रतिभूतियों को वापस करने पर भी अपनी सहमति दी जो लंबे समय से लंबित है. सीएम ने इस बात पर भी सहमति जताई कि अब से मिलर्स को 10 रुपये प्रति एमटी की दर से सीएमआर देना होगा. 

मिलों के आवंटन को भौतिक सत्यापन से छूट

उन्होंने मौजूदा मिलों के आवंटन को भौतिक सत्यापन से छूट देने की भी मंजूरी दे दी. मान ने डिप्टी कमिश्नर को यह सुनिश्चित करने का भी निर्देश दिया कि नमी की मात्रा की जांच के लिए धान की कटाई शाम 6 बजे से सुबह 10 बजे तक न हो. उन्होंने मंडी बोर्ड को नमी मीटर खरीदने के लिए भी कहा और कहा कि धान की खरीद के दौरान 17 प्रतिशत नमी की मात्रा सुनिश्चित की जानी चाहिए.

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