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Bhadbhada Slum News: मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के भदभदा स्थित झुग्गी बस्ती में लंबी जद्दोजहद के बाद बस्ती को हटा दिया गया है. चार दिन चली कार्रवाई के बाद आखिरकार बस्ती को पूरी तरह से हटा दिया गया है,लेकिन अपने पीछे छोड़ गई है 384 कहानियां. तो वहीं याचिकाकर्ता का इस कार्रवाई का बड़ा अफसोस है. याचिकाकर्ता आर्या श्रीवास्तव के वकील का कहना है कि पहले प्रशासन को इन गरीब परिवारों को कहीं दूसरी जगह स्थापित किया जाना था.

मालूम हो कि भोपाल में स्थित होटल ताज के सामने की झुग्गी बस्ती को हटाने के लिए बीते चार दिनों से प्रशासन की कार्रवाई जारी थी. एनजीटी के आदेश के बाद इस बस्ती को हटाया गया. चार दिन चली इस कार्रवाई के दौरान 384 घरों पर बुलडोजर चलाया गया. अपना आशियाना टूटते देख निवासरत परिवारों की आंखों में आंसू नजर आए. बड़ा तालाब किनारे स्थित अतिक्रमण को हटाने के लिए याचिकाकर्ता आर्या श्रीवास्तव ने वर्ष 2020 में एनजीटी में याचिका लगाई थी.

याचिकाकर्ता के वकील ने क्या कहा? 

इस मामले की पैरवी एडवोकेट धर्मवीर की तरफ से की गई. मीडिया ने याचिकाकर्ता आर्या श्रीवास्तव के वकील से इस संबंध में बात की तो उन्होंने बताया कि तालाब क्षेत्र में बढ़ते अतिक्रमण को देखते हुए वर्ष 2020 में याचिका  लगाई थी. इस दौरान प्रशासन को भी तीन साल से ज्यादा का समय मिला. इस दौरान इन परिवारों को विस्थापित किया जाना था. अचानक से हुई इस तरह की कार्रवाई से बहुत अफसोस हो रहा है. किसी भी व्यक्ति के साथ इस तरह का सलूक करना ठीक नहीं और न ही हमने किसी होटल को लेकर यहां याचिका लगाई थी. हमने तालाब के सरक्षण और आसपास अतिक्रमण न हो इसलिए यह याचिका दर्ज की थी. हमें यह नहीं पता था इन गरीबों का आसियान जमींदोज हो जाऐगा.

एबीपी न्यूज सवावंदाता ने भदभदा झुग्गी बस्ती पहुंचकर जायजा लिया तो वहां झुग्गी मे रहने वाले लोग अपना सामान इकट्ठा करते हुए दिखाई दिए. वहीं पीड़ितों ने सरकार और प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए. उन्होंने कहा कि जब अतिक्रमण हटा रहे थे तो क्यों किसी आमलोगों और मीडिया को क्यों नही आने दिया. चारों ओर पुलिस के पेहरे में हमारे आशियाने जमींदोज कर दिए. वहीं पीड़ितों का कहना है कि प्रशासन ने अचानक से उन्हें बेघर कर दिया है.

पीड़ितों ने सुनाई आप बीती 

पीड़ितों का कहना है कि इस समय महिलाएं और बच्चों के साथ कहां जाए. इस जगह हम 50-60 सालों से निवासरत थे. वहीं पीड़ितों ने आरोप लगाया कि होटल ताज की सुंदरता को देखते हुए हमें बेघर किया गया है. पीड़ित वाहिदा खां ने बताया कि मेरे परिवार में 15 सदस्य हैं. सभी के सिर से छत हट गई है. प्रशासन ने जो एक-एक लाख का चेक दिया. उसे बैंक में लगाया तो वह बाउंस हो गया. अब कुछ भी समझ नहीं आ रहा है, कहां जाए, कहां रहे.

कांग्रेस ने बीजेपी सरकार पर साधा निशाना

भदभदा क्षेत्र से झुग्गी बस्ती पूरी तरह साफ होने के बाद कांग्रेस की भी मैदान में कूद गई है. प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी भदभदा बस्ती पहुंचे और प्रभावित परिवारों से बात की. मध्य प्रदेश चीफ पटवारी ने कहा कि यह सरकार उद्योगपति, धन्नासेठों और सूट बूट की है. कम से कम इन गरीबों को एक-एक प्रधानमंत्री आवास तो मिलना ही चाहिए. मैं मुख्यमंत्री को चिट्ठी लिखूंगा. ऐसा हम फिल्मों में देखते थे कि एक होटल एनजीटी के परिधि में आती थी, उस पर कोई कार्रवाई नहीं होती. इस मामले में पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने भी पत्र लिखा है. 

मानवाधिकार आयोग का दरवाजा खटखटाया

झुग्गी बस्ती हटाए जाने को लेकर कांग्रेस ने मानवाधिकार आयोग का दरवाजा खटखटाया है. कांग्रेसियों ने मानवाधिकार आयोग को पत्र भी लिखा है. पूर्व मंत्री पीसी शर्मा का कहना है कि 10वीं-12वीं की परीक्षा चल रही है. इस बीच घरों पर बुलडोजर चला दिया. पीसी शर्मा ने कहा कि बगैर नोटिस के बिजली-पानी कनेक्शन काट दिए, लोगों को सामान नहीं निकालने दिया गया, खाने पीने की व्यवस्था नहीं है. ऐसा लग रहा है कि युद्ध की स्थिति हो गई, जिसमें सब तोडफ़ोड़ देते हैं. वहीं एनजीटी कोर्ट में प्रैक्टिस कर रहे वकील शारीख चौधरी का कहना है कि यह गलत है. यह नियम यह नहीं है. अतिक्रमण हटाया जाता है, लेकिन विस्थापित करके न की बेघर करके. प्रशासन ने इन गरीबों को साथ बहुत गलत किया है. 

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