Beating Retreat Ceremony at Vijay chowk Army band played shiv tandav Stotram President Draupadi Murmu PM Modi present
Beating Retreat Ceremony: नई दिल्ली के विजय चौक पर बुधवार (29 जनवरी, 2025) शाम आयोजित बीटिंग रिट्रीट के साथ देश के 76वें गणतंत्र दिवस समारोह का समापन हो गया. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत तमाम गणमान्य लोगों ने आम लोगों के साथ इसका आनंद उठाया. समारोह में लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल संगीतबद्ध देशभक्ति गीत ‘ऐ वतन तेरे लिए’ की धुन भी बजाई गई. इतना ही नहीं सेना के बैंड ने ड्रम पर ‘शिव तांडव स्तोत्र’ भी बजाया.
बीटिंग रिट्रीट की शुरुआत रायसीना हिल्स पर डूबते सूरज की लालिमा की पृष्ठभूमि में भारतीय सैन्य बलों के बैंडों के धुनों से हुई. इस दौरान राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने विजय चौक पर राष्ट्रध्वज फहराया. देश भक्ति की भावना से ओत-प्रोत समारोह में थल सेना, नौसेना, वायु सेना और केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (सीएपीएफ) के बैंड ने एक साथ मिलकर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह सहित विशिष्ट दर्शकों के सामने 30 फुट-टैपिंग भारतीय धुन बजाया.
हर साल 29 जनवरी को आयोजित किया जाता है बीटिंग रिट्रीट
‘बीटिंग रिट्रीट’ गणतंत्र दिवस समारोह का आधिकारिक समापन होता है. यह समारोह हर वर्ष 29 जनवरी को आयोजित किया जाता है. यह परंपरा भारतीय सशस्त्र बलों की एक ऐतिहासिक सैन्य परंपरा से जुड़ी है, जो ब्रिटिश शासन काल के समय से चली आ रही है. प्राचीन काल में, सूर्यास्त के समय युद्ध समाप्ति का संकेत देने के लिए सैनिक अपने शिविरों में लौटते थे. आज भी इस परंपरा को ‘बीटिंग रिट्रीट’ के रूप में जारी रखा गया है.
सदियों पुरानी सैन्य परंपरा का प्रतीक
‘बीटिंग रिट्रीट’ की शुरुआत 1950 के दशक आरंभ में हुई थी, जब भारतीय सेना के मेजर रॉबर्ट्स ने सामूहिक बैंड की ओर से प्रदर्शन का अनूठा समारोह स्वदेशी रूप से विकसित किया था. यह सदियों पुरानी सैन्य परंपरा का प्रतीक है. यह समारोह बीते समय की याद दिलाता है जिसमें सूरज ढलने के बाद सैनिक लड़ाई बंद कर देते थे, अपने हथियार रख देते थे और रिट्रीट की आवाज सुनकर अपने शिविरों में लौट जाते थे.