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Beant Singh’s assassination case: पूर्व सीएम बेअंत सिंह के हत्यारे बलवंत सिंह राजोआना को मिलेगी फांसी या उम्रकैद, केंद्र सरकार जल्द देगी जवाब


पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह की हत्या के दोषी बलवंत सिंह राजोआना की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई 2 सप्ताह के लिए टल गई है. राजोआना अपनी फांसी को उम्रकैद में बदलवाने के लिए सुप्रीम कोर्ट पहुंचा है. केंद्र सरकार ने कहा है कि वह याचिका पर जवाब दाखिल करेगी. 

बता दें कि 2007 में निचली अदालत से राजोआना को मौत की सजा मिली थी. उसका कहना है कि वह लगभग 29 साल से जेल में बंद है. उसकी दया याचिका भी 12 साल से लंबित है. अब तक केंद्र सरकार ने उस पर फैसला नहीं लिया है. केंद्र की तरफ से सॉलीसीटर जनरल ने कहा कि मामला राष्ट्रपति के पास लंबित है. वह इसकी स्थिति को लेकर कोर्ट को जानकारी देंगे.

दया याचिका में हो रही देरी को आधार मान की अपील

पिछले साल मई में सुप्रीम कोर्ट ने राजोआना की फांसी को उम्रकैद में बदलने से इनकार कर दिया था. कोर्ट ने केंद्रीय गृह मंत्रालय से राजोआना की दया याचिका पर जल्द फैसला लेने को कहा था. अब एक बार फिर उसने अपनी दया याचिका के निपटारे में हो रही देरी के आधार पर फांसी को आजीवन कारावास में बदलने की मांग की है.

31 अगस्त 1995 को हुई थी बेअंत सिंह की हत्या

पंजाब पुलिस का पूर्व काॉन्स्टेबल बलवंत राजोआना आतंकी संगठन बब्बर खालसा से जुड़ा था. 31 अगस्त 1995 को पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह की हत्या हुई थी. राजोआना इस हत्या का मुख्य आरोपी था. राजोआना को 1 अगस्त 2007 को चंडीगढ़ की एक विशेष सीबीआई अदालत ने उसे मौत की सजा सुनाई थी. इसमें दूसरे आतंकियों के अलावा मुख्य रूप से बलवंत और दिलावर सिंह शामिल थे. दिलावर ने आत्मघाती बम विस्फोट कर बेअंत सिंह समेत 17 लोगों की हत्या कर दी थी.

2007 में निचली अदालत ने दी थी फांसी की सजा

घटनास्थल पर दिलावर के बैकअप के रूप में मौजूद राजोआना फरार हो गया था. 22 दिसंबर 1995 को बलवंत पकड़ा गया था. 2007 में उसे निचली अदालत ने फांसी की सज़ा दी. 2010 में हाई कोर्ट ने भी इस सजा को बरकरार रखा. बलवंत ने खुद तो दया याचिका दाखिल नहीं की, लेकिन 2012 में उसकी फांसी से पहले शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC) ने राष्ट्रपति को दया याचिका भेज दी. तब उसकी फांसी पर रोक लग गई, लेकिन दया याचिका पर अब तक फैसला नहीं हुआ है.

2019 में घोषणा हुई, लेकिन औपचारिक आदेश ननहीं हुुआ जारी

2019 में गुरु नानक की 550वीं जयंती के मौके पर केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बलवंत सिंह राजोआना की फांसी को उम्रकैद में बदलने की घोषणा की, लेकिन अब तक इस पर औपचारिक आदेश जारी नहीं हुआ. इसे आधार बनाते हुए पिछले साल आतंकी ने सुप्रीम कोर्ट से राहत की मांग की थी. उस मामले की सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार ने इसे पंजाब की कानून व्यवस्था के लिहाज से बहुत संवेदनशील मामला बताया था. सरकार ने अनुरोध किया था कि कोर्ट इस पर कोई आदेश न दे.

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