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Basti Doctors removed tumor from woman stomach Without ICU and ventilator ann


Basti News: बस्ती जिला अस्पताल के 4 डॉक्टरों के पैनल ने एक गरीब महिला का क्रिटिकल ऑपरेशन करते हुए उस के पेट से 14 किलो का ट्यूमर निकाल कर इतिहास रच दिया. सबसे बड़ी बात आईसीयू और वेंटिलेटर की सुविधा के बिना इतने बड़े ऑपरेशन को सफलता पूर्वक अंजाम दिया गया. महिला अब पूरी तरह से स्वस्थ है. एक तरफ प्राइवेट अस्पतालों में इलाज कराना कितना महंगा है यह किसी से छिपा नहीं है. इलाज में लोगों की जमीन और मकान तक बिक जाते हैं. अगर गरीब है तो प्राइवेट अस्पतालों में इलाज करने की सोंच भी नहीं सकता. 

बस्ती जिला अस्पताल के डॉक्टरों ने कमाल कर दिया एक गरीब एक गरीब महिला के पेट से 14 किलो का ट्यूमर निकाला. गरीब महिला के परिजनों ने कई प्राइवेट अस्पतालों का चक्कर लगाया, लेकिन लाखों के खर्च की वजह से ऑपरेशन नहीं कर पा रहे थे. जिसके बाद जिला अस्पताल के डॉक्टरों ने ऑपरेशन करने का फैसला किया. तीन सर्जन डॉक्टर राजेश पटेल. डॉक्टर अरशद अहमद. डॉक्टर अनिल सिंह. एनस्थीसिया के डॉक्टर असलम ने मिल कर महिला का सफल ऑपरेशन किया और उस के पेट से 14 किलो का ट्यूमर बाहर निकाला. इस ऑपरेशन में महज 10 हजार का खर्च आया.

चार डॉक्टरों के पैनल ने किया सफल ऑपरेशन
बस्ती जनपद के नगर थाना क्षेत्र के भवसिंघपुर गांव की किरन काफी दिनों से पेट दर्द से परेशान थी. जब उसके परिजनों ने लखनऊ और दिल्ली के बड़े प्राइवेट अस्पतालों में जांच कराई गई तो रिपोर्ट में पेट में बड़ा ट्यूमर आया. प्राइवेट अस्पताल में ऑपरेशन में लाखों का खर्च बताया. जो कि उस गरीब महिला के परिजनों के बजट के बाहर था. परिजनों ने बस्ती जिला अस्पताल के डॉक्टर अनिल कुमार को दिखाया. महिला के ऑपरेशन के लिए डॉक्टर अनिल के नेतृत्व में 4 डॉक्टरों का पैनल बना. लेकिन सबसे बड़ी समस्या थी कि जिला अस्पताल में बेहतर ओटी की व्यवस्था नहीं थी. 

इस ऑपरेशन की दूसरी चुनौती थी कि बिना वेंटिलेटर के ढाई घंटे तक महिला को बेहोश रखना था. चार डॉक्टरों ने महिला का ऑपरेशन शुरू किया. ढाई घंटे के ऑपरेशन के बाद महिला के पेट से 14 किलो का ट्यूमर निकाला गया. ऑपरेशन सफल रहा महिला अब पूरी तरह से स्वस्थ है. डॉक्टर अनिल कुमार, डॉक्टर अरशद अहमद और उनके सहयोगी डॉक्टरों ने बताया कि यह बड़ा ऑपरेशन था. इतने बड़े ऑपरेशन करने के लिए हॉस्पिटल में वह सुविधाएं नही थी.

ऑपरेशन के बाद पूरी तरह स्वस्थ्य महिला
सबसे बड़ी समस्या ढाई घंटे बेहोश रखने की थी लेकिन टीम के सहयोग से कम सुविधा में ऑपरेशन किया गया. अब मरीज स्वस्थ है बेहतर तरीके से जीवन जी सकती है. इस ऑपरेशन में महज सरकारी ऑपरेशन की फीस ही जमा कराई गई. कुछ दवाएं बाहर से मंगानी पड़ी जो अस्पताल में उपलब्ध नहीं थी.

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