Bastar Naxal Operation get Success against Naxalites through Women Soldiers in Sukma Dantewada ANN
Bastar News Today: तारीख इस बात का हमेशा से गवाह रहा है कि महिलाएं अपनी बहादुरी और बुद्धिमत्ता के बलबूते समय-समय पर मर्दों के साथ कंधे-कंधे चलते हुए दिखाई पड़ती है. महिलाओं के शौर्य और पराक्रम को बस्तर में तैनात महिला जवान चरितार्थ कर रही हैं.
नक्सल विरोधी अभियानों में इन महिला जवानों ने पूरी बहादुरी के साथ कंधे से कंधा मिलाकर ऑपरेशन में हिस्सा ले रही हैं. चाहे वो दंतेवाड़ा में तैनात दंतेश्वरी फाइटर हों या सुकमा में तैनात दुर्गा फाइटर की जवान हों या फिर डीआरजी और बस्तर फाइटर में तैनात महिला जवान. महिला जवानों ने हर मोर्चे पर पूरे साहस के साथ खड़ी रही हैं.
महिला फाइटर्स की भूमिक महत्वपूर्ण
बस्तर के संवेदनशील क्षेत्रों में महिला जवान नक्सलियों के नापाक मंसूबों को नाकाम करने में लगी हुई है. यही कारण है कि बस्तर में हालात बदल रहे हैं, अक्सर एंटी नक्सल ऑपरेशन के दौरान सुरक्षा बल के जवानों के ऊपर महिला विरोधी होने का आरोप लगता रहा है, यही नहीं ऑपरेशन के बाद महिलाओं से जुड़े कई प्रकार के आरोपों का भी सामना जवानों को करना पड़ता है.
हालांकि जब से महिला जवानों के जरिये नक्सल विरोधी अभियानों में हिस्सा लेने की शुरुआत हुई है, तब से इस तरह के आरोपों की विश्वसनीयता की बुनियाद बाकी नहीं बची है. खासकर महिला नक्सलियों को पकड़ने की बात हो या फिर नक्सलियों के गोली का सामना करने की बात हो, महिला जवान मुस्तैदी से हर मोर्चे पर अपनी भागीदारी सुनिश्चित करने में लगी हुई हैं.
बस्तर आईजी सुंदरराज पी ने बताया कि बस्तर में जवानों के साथ-साथ महिला फाइटर भी नक्सल विरोधी अभियान में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं. इनमें दंतेश्वरी फाइटर, दुर्गा फाइटर, बस्तर बटालियन और बस्तर फाइटर की जांबाज महिला फाइटर्स जवानों के साथ दुर्गम इलाकों में मीलों पैदल गश्त कर रही हैं.
‘सभी हालातों के लिए महिला फाइटर्स तैयार’
आईजी सुंदरराज पी ने बताया कि महिला जवान नक्सलियों के साथ मुठभेड़ में दुश्मनों का डटकर सामना कर रही हैं. बीते 6 महीने में ही बस्तर संभाग के अलग-अलग नक्सल प्रभावित इलाकों में हुए मुठभेड़ में इन महिला जवानों ने कई नक्सलियों को मार गिराया है.
आईजी ने बताया कि महिला जवानों को मुश्किल परिस्थितियों का सामने करने के लिए बेहतर ढंग से प्रशिक्षित किया गया है. उन्होंने कहा, “खासकर बस्तर के स्थानीय महिलाओं में काफी स्टैमिना होता है. यही वजह है कि जंगल, पहाड़, नदी नालों और खासकर मानसून के मौसम में भी ये महिला फाइटर आसानी से नक्सलियों के ठिकाने पर पहुंच रही है और उनके ठिकानों को ध्वस्त करने में भी सफल रही हैं.
‘महिल फाइटर्स ने जीता ग्रामीणों का भरोसा’
बस्तर आईजी सुंदरराज पी ने बताया कि स्थानीय महिलाओं के फोर्स में शामिल होने के बाद ग्रामीणों का भी दिल जीतने में बस्तर पुलिस को काफी सफलता मिल रही है. इन महिलाओं के जरिए स्थानीय बोली में ग्रामीणों भरोसा जीतने कामयाबी मिला है, साथ ही ऐसे कई मामले हैं जिनमें महिला फाइटर ने इनामी नक्सलियों को भरोसे में लेकर सरेंडर करवाने में भी कामयाब रही हैं.
बस्तर आईजी के मुताबिक, महिला फाइटर्स के जरिए ग्रामीण अंचलों में तेजी से हो रहे विकास कार्य में भी सुरक्षा दी जा रही है. उन्होंने बताया कि उनकी सुरक्षा में गांव-गांव में सड़क, पुल- पुलिया, बिजली पहुंचाने के साथ सरकार की योजनाओं का लाभ भी ग्रामीणों को मिल रहा है.
‘बस्तर जल्द होगा नक्सली मुक्त’
आईजी ने बताया कि बस्तर फाइटर में महिलाओं को प्राथमिकता दिए जाने से पिछले सालों के मुकाबले बस्तर की तस्वीर बदली है और अब गांव में तेजी से विकास कार्य हो रहे हैं. सिविक एक्शन प्रोग्राम और कम्युनिटी पुलिसिंग कार्यक्रम के जरिये भी महिला फाइटर ग्रामीणों का भरोसा जीतने में सफल हो रही हैं.
नक्सलियों का जिक्र करते हुए आईजी सुंदरराज ने बताया कि अब नक्सली बस्तर में बैकफुट पर नजर आ रहे हैं. आने वाले समय में जल्द ही बस्तर नक्सल मुक्त होगा, जिसमें बस्तर में तैनात सुरक्षाबलों के साथ-साथ स्थानीय महिला फाइटर्स का महत्वपूर्ण योगदान होगा.
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