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Babri Masjid Former Litigant Iqbal Ansari Reaction On Gyanvapi Mosque Case Verdict ASI Survey ANN


Iqbal Ansari on Gyanvapi ASI Survey: इलाहाबाद हाई कोर्ट द्वारा वाराणसी के ज्ञानवापी मामले को लेकर सुनाए गए फैसले के बाद अयोध्या के बाबरी मस्जिद के मुख्य पक्षकार रहे इकबाल अंसारी ने दो बड़े अहम बयान दिए हैं. कोर्ट के फैसले को लेकर इकबाल अंसारी दो टूक शब्दों में कहते हैं कि दोनों पक्षों को जानना चाहिए कि अगर एएसआई ने जांच किया तो दूध का दूध पानी का पानी हो जाएगा. कोर्ट ने फैसला किया है तो जांच होनी चाहिए, जांच हो जो साक्ष्य मिले चाहे हिंदू का मिले चाहे मुसलमान का मिले उसी आधार पर कोर्ट फैसला कर दे और हिंदू-मुसलमान दोनों साथ बैठ कर के उसको मानें जैसे राम जन्मभूमि का फैसला हुआ. लोगों ने उसको माना ऐसे फैसला उसका भी हो और उसको मानें.

इसी के साथ इकबाल अंसारी ने दूसरा बड़ा बयान भी देते हुए कहा कि मेरा सुझाव है कि जिस तरह देश में सुरक्षा कमेटी है विकास कमेटी है उसी तरह मंदिर-मस्जिद और धार्मिक स्थानों के लिए भी कमेटी होनी चाहिए. जिसका दायरा गांव और शहरों तक होना चाहिए. जिससे कहीं भी इस तरह का विवाद हो तो उसे तूल पकड़ने से पहले ही सुलझा लिया जाए. जिससे उसका लोग राजनैतिक फायदा न उठा सकें और ऐसा विवाद देश के विकास में रोड़ा न बन सके. 

बाबरी मस्जिद के पूर्व मुख्य पक्षकार इकबाल अंसारी ने कहा कि हमारे हिंदुस्तान का संविधान है कानून है लोअर कोर्ट, हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट है. कोर्ट के फैसले का सम्मान पूरे देश के लोग करते हैं. सवाल है बनारस का ज्ञानवापी का तो कोर्ट ने फैसला किया है एएसआई को जांच करने के लिए तो कोर्ट ने आदेश किया है तो कोर्ट का सम्मान भी करना है. जो नियम कानून कायदे बने हैं तो कोर्ट के फैसले का सम्मान सारे लोग करते आए हैं और करेंगे.  

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