Fashion

Azamgarh UP Board Exam Center Scheduling Error DIOS also guilty in investigation ann


UP Board Exam 2025: आजमगढ़ जिले में यूपी बोर्ड की हाईस्कूल और इंटरमीडिएट परीक्षा के लिए केंद्र निर्धारण में गड़बड़ी की शिकायत मिलने पर अपर निदेशक ने मामले की जांच संयुक्त शिक्षा निदेशक आजमगढ़ से कराई. जांच में कई आरोप सही पाए गए. जिसके बाद परीक्षा प्रभारी व एक बाबू को दोषी पाए जाने पर निलंबित कर दिया गया. इसके बाद जब जांच का दायरा आगे बढ़ा तो डीआईओएस भी दोषी पाए गए. जेडी ने अपनी रिपोर्ट परीक्षा सचिव को भेज दी है.

इस बार यूपी बोर्ड परीक्षा केंद्र निर्धारण में बड़ा खेल किया गया है. इसकी शिकायत शिक्षक संगठनों ने भी जिले स्तर पर की. इसके बाद भी किसी ने इसका संज्ञान नहीं लिया और केंद्र निर्धारण की प्रक्रिया पूरी करते हुए जिले में 282 परीक्षा केंद्र बनाए गए. आरोप लगा था कि परीक्षा प्रभारी उमाकांत यादव ने केंद्र निर्धारण में मनमानी की. यहां तक की परीक्षा केंद्र बनाने के लिए ढाई-ढाई लाख रुपये वसूली करने का भी आरोप लगा. इसकी शिकायत नेता विरोधी दल लाल बिहारी यादव, उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ के संरक्षक रामजन्म सिंह व श्री दुर्गाजी इंटर कॉलेज ने सचिव माध्यमिक शिक्षा परिषद प्रयागराज से की थी.

जांच में सामने आया है गड़बड़ी का बड़ा खेल
इस शिकायत के आधार पर संयुक्त शिक्षा निदेशक दिनेश सिंह ने मामले की जांच की तो कई आरोपों की पुष्टि हुई. जांच में सामने आया कि केंद्र निर्धारण को लेकर दो बैठक हुई थी. जिसमें एक डीएम ने बैठक ली थी. वहीं, दूसरी बैठक हुई ही नहीं इसके बाद भी बैठक होना दिखाया गया है. दोनों बैठकों में हुए हस्ताक्षर का मिलान किया गया तो डीएम नवनीत सिंह चहल का और अन्य सदस्यों के हस्ताक्षर भिन्न पाए गए. डीएम के हस्ताक्षर में भिन्नता को लेकर संयुक्त शिक्षा निदेशक दिनेश सिंह ने परीक्षा सचिव को अपनी जांच आख्या भेज दी. माना जा रहा है कि जांच में दोषी पाए गए डीआईओएस उपेंद्र कुमार के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.

इस मामले में संयुक्त शिक्षा निदेशक दिनेश सिंह ने बताया कि बोर्ड परीक्षा के केंद्र निर्धारण के संबंध में जो जांच की गई है, उसमें यह अनियमितता पाई गई थी. 165 परीक्षा केंद्रों के बच्चों का परीक्षा केंद्र परिवर्तित कर दिया गया. दूसरी अनियमितता यह पाई गई कि शासनादेश के अनुसार जिनके गुणांक अधिक हैं उनको पहले परीक्षा केंद्र बनाया जाना चाहिए था, परंतु कम गुणांक वाले विद्यालयों को परीक्षा केंद्र बना दिया गया, जबकि अधिक गुणांक वाले विद्यालयों को परीक्षा केंद्र नहीं बनाया गया. 

जांच में सही नहीं पाए गए अधिकारियों के हस्ताक्षर
तीसरी अनियमितता यह थी कि एक स्कूल का सेंटर 75 किलोमीटर दूर चला गया था, उसमें छात्र हित में संशोधन करा दिया गया है. सभी गड़बड़ियां जिला विद्यालय निरीक्षक के नेतृत्व में हुई है. अगर पटल सहायक दोषी है तो जिला विद्यालय निरीक्षक भी दोषी हैं. इस संबंध में शासन स्तर पर कार्रवाई लंबित है. इस मामले पर संयुक्त शिक्षा निदेशक दिनेश सिंह ने बताया कि जांच में यह भी पाया गया कि अधिकारियों के हस्ताक्षर प्रथम दृष्टया सही नहीं पाए गए. रिपोर्ट शासन को भेज दी गई है. कार्रवाई शासन स्तर पर लंबित है.

ये भी पढ़ें: ‘सपा को जमीन में गाड़ देगी जनता, अवशेष नहीं बचेगा’ महाकुंभ पर बयान के बीच अखिलेश पर भड़के संत



Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *