Atishi said LG Vinay Saxena appoint bus marshals till news policy drafted ann
Delhi Latest News: सोमवार को सीएम आतिशी के नेतृत्व में कैबिनेट की बैठक हुई. इस बैठक में दिल्ली सरकार ने बस मार्शलों की स्थाई नियुक्त के मसले पर बड़ा फैसला लिया है. कैबिनेट की बैठक में लिए गए फैसले के मुताबिक दिल्ली सरकार के सभी मंत्री एक प्रस्ताव भेजकर एलजी विनय सक्सेना से बस मार्शलों को स्थायी करने के लिए पॉलिसी बनाने की मांग करेंगे. एलजी से ये भी मांग करेंगे कि इस मसले पर अंतिम मसौदा तैयार होने तक बस मार्शलों को पहले की तरह बसों में नियुक्त करने की मंजूरी दें.
दिल्ली के शहरी विकास मंत्री सौरभ भारद्वाज ने इस बारे में कहा कि सीएम आतिशी ने बताया कि बस मार्शलों की स्थायी नियुक्ति का मुद्दा सर्विसेज के तहत केंद्र सरकार के अधीन है. जब तक केंद्र सरकार पॉलिसी नहीं बनाती, तब तक दिल्ली सरकार 10 हजार मार्शलों को बसों में तैनात करेगी.
दिल्ली सरकार वेतन देने के लिए तैयार
दिल्ली सरकार के इस फैसले से गरीब परिवारों के युवाओं को रोजगार मिलेगा और बसों में महिलाएं दोबारा सुरक्षित महसूस कर सकेंगी. एलजी साहब या केंद्र सरकार बस मार्शल के लिए जो भी पॉलिसी बनाएं, चाहे उनकी बहाली हो या उन्हें पक्की नौकरी पर लगाया जाए, उनकी सारी तनख्वाह दिल्ली सरकार देगी.
नियुक्ति का मसला LG के अधीन
अब दिल्ली सरकार ने फैसला लिया कि आने वाले 4 महीने के लिए प्रदूषण के खिलाफ युद्ध में बस मार्शलों को तैनात किया जाएगा. इस संदर्भ में ट्रांसपोर्ट कमिश्नर ने अपने नोट में साझा किया है कि बस मार्शलों को स्थायी या अस्थायी रूप से नियुक्त करना सर्विसेज का मुद्दा है, जो एलजी साहब के अंतर्गत आता है. यह सुरक्षा का भी मुद्दा है. ये मसला भी एलजी साहब के अधीन आता है.
सीएम आतिशी ने कहा कि, “दिल्ली सरकार के सभी मंत्री बस मार्शलों को स्थायी करने को लेकर एलजी साहब की प्रस्ताव भेजेंगे. प्रस्ताव के आधार पर वो जल्द से जल्द मार्शलों को स्थायी तौर पर बसों में नियुक्त करने के लिए एक पॉलिसी बनाएं. ताकि दो शिफ्टों में हर बस में उन्हें तैनात किया जा सके. महिलाएं सुरक्षित डीटीसी की बसों में सुरक्षित महसूस कर सकें.”
सीएम आतिशी ने ये भी कहा, “हम एलजी साहब को प्रस्ताव भेजेंगे कि जो 10 हजार बस मार्शल बसों में 31 अक्टूबर 2023 तक ड्यूटी पर तैनात थे, उन्हें तुरंत प्रभाव से बसों में मार्शल के रूप में तैनात किया जाए. वो तबतक बसों में तैनात रहें, जब तक उनकी स्थायी नियुक्ति नहीं होती. ताकि दिल्ली की महिलाओं की सुरक्षा महफूज रहे.”
क्या है पूरा मामला?
सौरभ भारद्वाज के मुताबिकक सीएम आतिशी ने कहा कि 2015 से जबसे दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार बनी है, तब से दिल्ली की चुनी हुई सरकार द्वारा महिलाओं की सुरक्षा को लेकर कई महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं.
इसी कड़ी में डीटीसी बसों में महिलाओं के साथ अभद्र व्यवहार को रोकने के लिए मार्शलों को तैनात किया गया था. साल 2015 से डीटीसी बसों में 2 शिफ्टों में महिलाओं-बुजुर्गों-बच्चों की सुरक्षा को लेकर मार्शलों की नियुक्ति हुई थी, लेकिन 2023 से बीजेपी ने अपने अफसरों के माध्यम से बस मार्शल की इस स्कीम में विघ्न डालने का काम किया. पहले अप्रैल 2023 से बस मार्शलों का वेतन रोक लिया और फिर अक्टूबर 2023 से सारे बस मार्शलों को नौकरी से हटा दिया गया.
एलजी और बीजेपी ने दिया धोखा
मंत्री सौरभ भारद्वाज ने ये भी कहा कि दिल्ली विधानसभा में सभी की सहमति से बस मार्शलों की बहाली का प्रस्ताव पास हुआ था. 3 अक्टूबर को आम आदमी पार्टी और बीजेपी के सभी विधायक एलजी साहब के पास जाएंगे. दिल्ली का पूरा मंत्रिमंडल एलजी साहब के पास जाएगा और जिस कागज पर हस्ताक्षर करना होगा, लेकिन बीजेपी के एक भी विधायक वहां नहीं पहुंचे.
विजेंद्र गुप्ता ने 5 अक्टूबर को समय मांगा, जिसके बाद मुख्यमंत्री ने समय दिया. सीएम आतिशी और विजेंद्र गुप्ता एलजी से मिलने पहुंचे. वहां पर विजेंद्र गुप्ता और एलजी साहब ने दस हजार सात सौ बस मार्शलों को धोखा दिया. उन्होंने उस प्रस्ताव पर साइन नहीं किए. जब विजेंद्र गुप्ता एलजी हाउस से बाहर निकले तो उन्होंने मीडिया में कहा कि दिल्ली की सरकार का प्रस्ताव एलजी साहब ने मंजूर कर लिया है और एक हफ्ते के अंदर बस मार्शलों की बहाली हो जाएगी. यह सबके पास ऑन रिकॉर्ड है.
5 अक्टूबर से 5 नवंबर हो गए और वो प्रस्ताव मंजूर नहीं हुआ है. उल्टा एलजी साहब ने एक और यू टर्न मारा और उन्होंने बोला कि मंत्रिमंडल उन्हें दोबारा प्रस्ताव भेजे. जिसके बाद दोबारा प्रस्ताव के ऊपर चर्चा हुई. एडिशनल चीफ सेक्रेटरी, जो ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट के हेड हैं, उन्होंने नोटिंग में वही बात लिखी कि यह मामला सीधा-सीधा सर्विसेज और पब्लिक ऑर्डर का है, जो एलजी साहब के आधीन है.