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Atishi Letter To LG, Accusing Chief Secretary Disobeying The Order Of The Elected Government – मंत्री आतिशी ने LG को लिखा पत्र, मुख्‍य सचिव पर लगाया निर्वाचित सरकार की अवहेलना का आरोप 


मंत्री आतिशी ने LG को लिखा पत्र, मुख्‍य सचिव पर लगाया निर्वाचित सरकार की अवहेलना का आरोप 

आतिशी ने अपने पत्र में मुख्‍य सचिव की शिकायत की है. (फाइल)

नई दिल्‍ली :

दिल्‍ली सरकार की मंत्री आतिशी और मुख्‍य सचिव के बीच छिड़ा घमासान अब उपराज्‍यपाल तक जा पहुंचा है. सर्विसेज एवं विजिलेंस मंत्री ने मुख्‍य सचिव नरेश कुमार द्वारा निर्वाचित सरकार के आदेश की अवहेलना करने का आरोप लगाते हुए उपराज्‍यपाल वीके सक्‍सेना को को पत्र लिखा है. अपने पत्र में आतिशी ने मुख्‍य सचिव की शिकायत की है. उन्‍होंने अपने पत्र में लिखा कि जीएनसीटीडी संशोधन अधिनियम की धारा 45J(5) का हवाला देते हुए मुख्य सचिव ने अपने नोट में कहा कि जीएनसीटीडी एक्ट से सेक्शन 3ए को हटाने के बावजूद ‘सर्विसेज़ और विजिलेंस’ से संबंधित सभी मामलों पर प्रभावी कार्यकारी शक्तियां उपराज्‍यपाल के पास होगी न कि चुनी हुई सरकार के पास. उन्‍होंने कहा कि दिल्ली सरकार इस कानूनी व्याख्या से असहमत है. 

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आतिशी ने कहा कि यह अधिनियम उपराज्यपाल को केवल विशिष्ट शक्तियां प्रदान करता है, जिसका इस्तेमाल सिर्फ नेशनल कैपिटल सिविल सर्विस अथॉरिटी की सिफारिशों पर किया जा सकता है. 

आतिशी ने ‘सर्विसेज’ पर एग्जीक्यूटिव कंट्रोल के मुद्दे पर असहमति के बाद एलजी विनय सक्सेना को पुनर्विचार के लिए पत्र लिखा है. उन्‍होंने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 239एए के खंड (3) और (4), राज्य सूची या समवर्ती सूची में शामिल सभी मामलों के संबंध में पब्लिक ऑर्डर, लैंड और पुलिस को छोड़कर दिल्ली की मंत्रिपरिषद अपनी कार्यकारी शक्ति का प्रयोग करती है और एलजी अन्‍य मामलों में मंत्रिपरिषद को सिर्फ सलाह दे सकते हैं. 

उन्होंने कहा कि अध्यादेश की संवैधानिक वैधता को सर्वोच्च न्यायालय के समक्ष चुनौती दी गई थी. इसके बाद, जीएनसीटीडी (संशोधन) अधिनियम, 2023 लागू हुआ, जिसने जीएनसीटीडी (संशोधन) अध्यादेश, 2023 की जगह ली. इसमें विशेष रूप से संशोधन अधिनियम ने जानबूझकर धारा 3 ए को हटा दिया गया. फिर भी जीएनसीटीडी (संशोधन) अधिनियम, 2023 में सर्विसेज के संबंध में एलजी को केवल विशिष्ट शक्तियां प्रदान करता है, जिनका प्रयोग राष्ट्रीय राजधानी सिविल सेवा प्राधिकरण द्वारा की गई सिफारिशों पर ही किया जाना है.

उन्‍होंने कहा कि इसलिए सर्वोच्च न्यायालय के आदेश और जीएनसीटीडी संशोधन अधिनियम के तहत सर्विसेज़ के संबंध में अन्य सभी शक्तियां जो एलजी या अथॉरिटी को प्रदान नहीं की गई हैं, उनका प्रयोग दिल्ली की चुनी हुई सरकार के मंत्रीमंडल द्वारा किया जाना है. 

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