Assam Government Decision About Uniform Civil Code Samajwadi Party MP ST Hasan Says All Targets Only Muslims | UP Politics: असम सरकार के फैसले पर सपा सांसद का दावा
Uniform Civil Code: असम सरकार ने लंबे समय से चले आ रहे असम मुस्लिम विवाह और तलाक पंजीकरण अधिनियम 1935 शुक्रवार को निरस्त कर दिया. यह निर्णय शुक्रवार रात मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा की अध्यक्षता में राज्य कैबिनेट की बैठक के दौरान लिया गया. यह उत्तराखंड समान नागरिक संहिता कानून लागू करने वाला पहला राज्य बनने के तीन सप्ताह बाद आया है. इसपर समाजवादी पार्टी के सांसद एसटी हसन की प्रतिक्रिया आई है.
सपा सांसद ने कहा, ‘सारे टारगेट केवल मुस्लिम हैं. मुस्लिम मैरेज एक्ट खत्म कर दिया है. बाकी हिंदू मैरेज एक्ट पर क्या किया है, आदिवासियों के लिए क्या किया है. सिखों के लिए क्या किया गया है, मुसलमानों के खिलाफ ऐसा बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. चुनाव सिर पर है और ये चुनावी स्ट्रैंड हैं. बदकिश्मती ये है कि हमारे देश में सियासत रोजगार, मंहगाई और विकास पर नहीं होगी. ये लोग केवल हिंदू मुसलमान की सियासत करते हैं.’
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क्या बोले असम सरकार के मंत्री
गौरतलब है कि असम के कैबिनेट मंत्री जयंत मल्लबारुआ ने इसे समान नागरिक संहिता (यूसीसी) की दिशा में एक बड़ा कदम बताया. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि आगे चलकर मुस्लिम विवाह और तलाक से संबंधित सभी मामले विशेष विवाह अधिनियम द्वारा शासित होंगे.
उन्होंने संवाददाताओं से कहा, “जिला आयुक्त और जिला रजिस्ट्रार अब नई संरचना के तहत मुस्लिम विवाह और तलाक को पंजीकृत करने के प्रभारी होंगे. निरस्त अधिनियम के तहत कार्यरत 94 मुस्लिम रजिस्ट्रारों को भी उनके पदों से मुक्त कर दिया जाएगा और उन्हें 2 लाख रुपये का एकमुश्त भुगतान दिया जाएगा.“
मल्लाबारुआ ने निर्णय के व्यापक प्रभावों पर भी जोर दिया, खासकर बाल विवाह पर रोक लगाने के राज्य के प्रयासों के आलोक में. उन्होंने बताया कि 1935 के पुराने अधिनियम द्वारा किशोर विवाह को आसान बना दिया गया था, जो ब्रिटिश साम्राज्य से एक अधिनिर्णय था. प्रशासन इस अधिनियम को निरस्त करके बाल विवाह के मुद्दे को संबोधित करना चाहता है.