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Assam CM Himanta Biswa Sarma unfurls national flag on Republic Day in ULFA Stronghold Dibrugarh


Assam CM in Dibrugarh: असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने इस बार गणतंत्र दिवस समारोह के लिए डिब्रूगढ़ को चुना. आमतौर पर असम के मुख्यमंत्री राजधानी गुवाहाटी में ही तिरंगा लहराते रहे हैं लेकिन इस बार सीएम हिमंता ने डिब्रूगढ़ के खानीकर परेड ग्राउंड में राष्ट्रीय ध्वज लहराया.

डिब्रूगढ़ जिला उग्रवादी संगठन उल्फा (ULFA) का पुराना गढ़ है. वर्तमान में भी यहां उल्फा का प्रभाव देखा जाता रहा है. हर साल ULFA (I)  स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस का बॉयकॉट करता रहा है. पिछले स्वतंत्रता दिवस पर तो ULFA (I) ने दावा किया था कि उसने पूरे असम में सिलसिलेवार धमाकों के लिए 24 बम लगाए हैं. हालांकि इन बमों को खोज निकाला गया था. इस बार भी इस समूह ने गणतंत्र दिवस पर रात 12 बजे से रविवार शाम 6 बजे तक के लिए संपूर्ण हड़ताल का आह्वान किया है. यही कारण है कि सीएम हिमंता इस बार डिब्रूगढ़ में तिरंगा लहराकर उग्रवादी संगठन को जवाब देना चाहते हैं.

साल 1979 में ULFA  अस्तित्व में आया. यह संगठन असम को एक स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में देखना चाहता है. साल 1990 में भारत सरकार ने इस संगठन को आतंकी संगठन की श्रेणी में रखते हुए इस पर प्रतिबंध लगा दिया था. अब यह समूह बांग्लादेश, म्यांमार और चीन से संचालित किया जाता है.

गणतंत्र दिवस के लिए चाक-चौबंद किए गए सुरक्षा इंतजाम
असम मुख्यमंत्री द्वारा डिब्रूगढ़ में गणतंत्र दिवस समारोह में शामिल होने के इस फैसले बाद से ही पुलिस सतर्क हो गई थी. कई दिन पहले से ही डिब्रूगढ़ में गणतंत्र दिवस समारोह के लिए सुरक्षा प्रबंध किए जाने लगे थे. इंडियन एक्सप्रेस के साथ बातचीत में डिब्रूगढ़ के एसपी वी वी राकेश रेड्डी ने बताया है कि क्रिसमस के वक्त से ही अंतर-जिला सीमाओं पर संदिग्ध गतिविधियों की जांच शुरू कर दी गई थी. नदी मार्गों पर भी नजर रखी जा रही थी. रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) और सरकारी रेलवे पुलिस (जीआरपी) द्वारा ट्रेनों में लगातार गश्त की गई.’ उन्होंने यह भी बताया कि समारोह से पहले मुख्य आयोजन स्थल के आसपास के तीन किलोमीटर के क्षेत्र की लगातार जांच की गई. इस क्षेत्र में घर-घर जाकर भी जांच की गई.

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