assam barak valley hotels not to host bangladesh nationals till attacks on hindus stop
Bangladesh Violence On Hindu: असम की बराक घाटी में होटल और रेस्तरां मालिकों ने यह घोषणा की है कि जब तक बांग्लादेश में हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों समुदायों के लोगों पर हमले बंद नहीं हो जाते तब तक वे बांग्लादेशी नागरिकों को सेवाएं नहीं देंगे. दरअसल, बराक घाटी असम का एक क्षेत्र है जिसमें कछार, करीमगंज और हैलाकांडी जिले शामिल हैं. यह बांग्लादेश के सिलहट क्षेत्र के साथ 129 किलोमीटर लंबी सीमा साझा करता है.
बराक घाटी होटल और रेस्तरां एसोसिएशन’ के अध्यक्ष बाबुल राय ने शुक्रवार को कहा, “बांग्लादेश में हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों की स्थिति चिंताजनक है. हम इसे किसी भी तरह से स्वीकार नहीं कर सकते इसलिए हमने फैसला किया है कि जब तक स्थिति में सुधार नहीं होता और हिंदुओं पर अत्याचार बंद नहीं हो जाते तब तक हम बराक घाटी के तीनों जिलों में पड़ोसी मुल्क के किसी भी नागरिक को अपने यहां नहीं रखेंगे. यह विरोध जताने का हमारा तरीका है.”
‘स्थिति में सुधार हो तब फैसले पर करेंगे विचार’
उन्होंने कहा, “बांग्लादेश के लोगों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि देश में स्थिरता लौट आए. अगर स्थिति में सुधार होता है तभी हम अपने फैसले पर पुनर्विचार कर सकते हैं.”कुछ दिन पहले, बजरंग दल ने सिलचर में आयोजित एक वैश्विक प्रदर्शनी के आयोजकों से पड़ोसी देश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों के विरोध में बांग्लादेशी उत्पाद बेचने वाले दो ‘स्टॉल’ बंद करने को कहा था और उनकी मांग मान ली गई थी.
अस्पताल ने बंद किया बांग्लादेशी नागरिकों का इलाज
कोलकाता के मानिकतल्ला में स्थित जेएन रॉय अस्पताल ने कुछ दिन पहले बांग्लादेश से आने वाले मरीजों का इलाज अनिश्चितकाल के लिए बंद कर दिया था. बांग्लादेश में हिदुओं पर अत्याचार और चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी के विरोध में अस्पताल की ओर से ये बड़ा फैसला लिया गया था. हालांकि टीएमसी के एक मंत्री ने अस्पताल के इस फैसले का विरोध किया था.