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Asaram Rape Case Will Asaram Come Out Of Jail Rajasthan High Court Directed Parole Committee To Reconsider Application Ann


Rajasthan News: अपने गुरुकुल की नाबालिग छात्रा के साथ यौन शोषण के मामले में जेल में सजा काट रहे आसाराम और उनके अनुयायियों के लिए राहत भरी खबर राजस्थान हाईकोर्ट से सामने आई है. इस खबर के बाद आसाराम के जेल से बाहर आने की उम्मीदों को एक बार फिर पंख लगे हैं. आसाराम के समर्थकों में उम्मीद जग चुकी है. 

आसाराम ने पूर्व में पैरोल के लिए आवेदन किया था. पैरोल कमेटी के द्वारा पैरोल के आवेदन को खारिज किए जाने के बाद आसाराम ने हाईकोर्ट में गुहार लगाई. जिस पर सोमवार को राजस्थान हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. हाई कोर्ट ने सोमवार को जोधपुर सेंट्रल जेल की पैरोल कमेटी को पैरोल नियम 1958 के तहत आसाराम के आवेदन पर पुनर्विचार के निर्देश दिए हैं.

पैरोल कमेटी को 6 सप्ताह के भीतर निर्णय लेने का निर्देश

राजस्थान हाईकोर्ट की डबल बेंच के न्यायाधीश विजय विश्नोई और जस्टिस योगेंद्र कुमार पुरोहित की बेंच ने आसाराम के आवेदन को खारिज करने के पैरोल कमेटी के फैसले को रद्द कर दिया है. साथ ही पैरोल कमेटी को 6 सप्ताह के भीतर इस पर नए सिरे से निर्णय लेने का निर्देश दिया है. 

1 सितंबर 2013 से 81 वर्षीय आसाराम जोधपुर सेंट्रल जेल में अपने ही आश्रम की नाबालिग छात्रा से बलात्कार के मामले में अंतिम सांस तक कठोर कारावास की सजा काट रहे हैं. आसाराम की ओर से जेल से बाहर आने के लिए 20 दिनों की पैरोल की मांग की गई थी. आसाराम के आवेदन को पहले जिला पैरोल सलाहकार कमेटी ने यह कहते हुए खारिज कर दिया था कि राजस्थान के कैदियों को पैरोल पर रिहाई के नियम 2021 के तहत पैरल का हकदार नहीं हैं.

आसाराम ने राजस्थान हाईकोर्ट का किया था रुख

आसाराम के पैरोल के आवेदन पर अस्वीकृति मिलने पर उसे चुनौती देते हुए. आसाराम ने राजस्थान हाईकोर्ट का रुख किया था. आसाराम के अधिवकता कालूराम भाटी ने न्यायालय में तर्क दिया कि याचिकाकर्ता को 25 अप्रैल 2018 को ट्रायल कोर्ट द्वारा दोषी ठहराते हुए सजा सुनाई गई,  जबकि नया नियम 2021 के लिए 29 जून 2021 को लागू हुए थे.  

आसाराम के अधिवक्ता कालूराम भाटी ने न्यायालय में तर्क दिया कि इसलिए याचिकाकर्ता द्वारा दायर आवेदन 2021 के नियमों की बजाय 1958 के नियमों के प्रावधान के तहत विचार करने योग्य हैं.  वही अतिरिक्त महाधिवक्ता अनिल जोशी ने दिए जाने पर आपत्ति जताई थी. 

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