asaduddin owaisi criticize Justice yadav over attending vishwa Hindu parishad Event
Asaduddin Owaisi On Justice Shekhar Yadav: ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने मंगलवार (10 दिसंबर) को कहा कि उन्होंने इलाहाबाद हाई कोर्ट के जस्टिस शेखर यादव को हटाने की मांग वाले एक नोटिस पर हस्ताक्षर किए हैं. यह कदम विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के एक समारोह में जस्टिस के कथित विवादास्पद बयान को लेकर उठाया गया है.
ओवैसी ने आरोप लगाया कि शेखर यादव का व्यवहार सुप्रीम कोर्ट के ‘‘न्यायिक जीवन के मूल्यों के पुनर्कथन’’ सहित संवैधानिक मानदंडों का उल्लंघन करता है. उन्होंने कहा कि न्यायाधीश के खिलाफ प्रक्रिया (हटाने की कार्यवाही) नेशनल कॉन्फ्रेंस के सांसद आगा सैयद रुहुल्लाह मेहदी की ओर से शुरू की गई. हैदराबाद के सांसद ने ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘मैंने इलाहाबाद हाई कोर्ट के जस्टिस शेखर यादव के खिलाफ उन्हें हटाने की कार्यवाही की मांग करने वाले नोटिस पर हस्ताक्षर किए हैं.”
रुहुल्लाह मेहदी की ओर से शुरू की गई थी प्रक्रिया
यह प्रक्रिया रुहुल्लाह मेहदी की ओर से शुरू की गई थी. नोटिस पर 100 लोकसभा सदस्यों के हस्ताक्षर की आवश्यकता है ताकि लोकसभा अध्यक्ष इस पर विचार कर सकें.’’ मेहदी ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘मैं नोटिस में उल्लिखित आरोपों के आधार पर इलाहाबाद उच्च न्यायालय के वर्तमान न्यायाधीश शेखर के. यादव को हटाने के लिए संविधान के अनुच्छेद 124(4) के तहत संसद में महाभियोग प्रस्ताव पेश कर रहा हूं.’’
विश्व हिंदू परिषद के समारोह में क्या बोले थे जस्टिस यादव?
जस्टिस यादव ने आठ दिसंबर को विहिप के एक समारोह में कहा था कि समान नागरिक संहिता का मुख्य उद्देश्य सामाजिक सद्भाव, लैंगिक समानता और धर्मनिरपेक्षता को बढ़ावा देना है. न्यायमूर्ति यादव ने यह टिप्पणी आठ दिसंबर को इलाहाबाद उच्च न्यायालय में विहिप के प्रांतीय विधिक प्रकोष्ठ एवं उच्च न्यायालय इकाई के एक सम्मेलन को संबोधित करते हुए की थी.