Arvind Kejriwal Sent The Report Recommending Suspension Of The Chief Secretary To The Lieutenant Governor – अरविंद केजरीवाल ने मुख्य सचिव को निलंबित करने की सिफारिश से जुड़ी रिपोर्ट LG को भेजी
यह रिपोर्ट बृहस्पतिवार को सतर्कता मंत्री ने केजरीवाल को सौंपी थी. रिपोर्ट में कुमार को निलंबित करने और मामले की केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) से जांच कराने की सिफारिश की गई है.
मुख्य सचिव कुमार ने इन आरोपों को खारिज किया है. उन्होंने आरोप लगाया है कि ‘‘निहित स्वार्थ” वाले वे लोग उन पर ‘‘कीचड़ उछाल” रहे हैं, जिनके खिलाफ भ्रष्टाचार को लेकर सतर्कता कार्रवाई की गई थी.
सतर्कता मंत्री ने मुख्यमंत्री को शनिवार को एक और रिपोर्ट सौंपी जिसमें आरोप लगाया गया कि ‘‘सबूतों को नष्ट करने, रिकॉर्ड मिटाने और चौंकाने वाली अनियमितताओं की सार्वजनिक जांच को रोकने का स्पष्ट प्रयास” किया गया.
इस ताजा रिपोर्ट को लेकर मुख्य सचिव ने तत्काल कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है.
मंत्री ने ताजा रिपोर्ट में यह भी आरोप लगाया कि एक निजी प्रौद्योगिकी कंपनी (मेटामिक्स टेक्नोलॉजीज) और आईएलबीएस के बीच कथित अनियमितताओं से संबंधित ‘‘कई वेब-पोस्ट” मुख्यमंत्री को (शुक्रवार को) रिपोर्ट सौंपे जाने के 24 घंटे के भीतर हटा दिए गए थे.
आतिशी ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया कि मुख्य सचिव के बेटे का प्रोफाइल लिंक्डइन से हटा दिया गया, जबकि प्रौद्योगिकी कंपनी की आधिकारिक वेबसाइट और उसका लिंक्डइन प्रोफाइल भी हटा दिया गया.
मेटानिक्स ने एक बयान में रिकॉर्ड नष्ट करने के आरोपों को ‘‘झूठा” करार दिया और दावा किया कि मुख्य सचिव का बेटा इसका संस्थापक, निदेशक या कर्मचारी नहीं है.
इस संबंध में एक सरकारी सूत्र ने कहा कि सतर्कता मंत्री की रिपोर्ट में स्पष्ट उल्लेख है कि मुख्य सचिव के पुत्र के मेटामिक्स से जुड़े होने की जानकारी सार्वजनिक क्षेत्र से प्राप्त की गई थी. उसने कहा, ‘‘इस जानकारी पर संदेह करने का कोई कारण नहीं है.”
मुख्य सचिव के करीबी सूत्रों ने दावा किया है कि उनके बेटे ने कंपनी और आईएलबीएस के बीच किसी भी समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर नहीं किए हैं. उन्होंने दावा किया कि वह शेयरधारक, निदेशक, भागीदार या कर्मचारी के रूप में संबंधित कंपनी से बिलकुल भी नहीं जुड़े हैं.
आईएलबीएस ने बृहस्पतिवार को एक बयान में आरोपों को “पूरी तरह से निराधार और तथ्यहीन” बताया था. बयान में कहा गया, “आईएलबीएस पुष्टि करता है कि उसने कोई खरीद आदेश जारी नहीं किया या किसी एएल सॉफ्टवेयर डेवलपर या कंपनी को कोई भुगतान नहीं किया.”
रिपोर्ट में आरोप लगाया गया है कि कुमार के बेटे की कंपनी और आईएलबीएस ने 24 जनवरी 2023 को एक सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किए थे. इसमें दावा किया गया कि ‘‘एमओयू में कंपनी को इस परियोजना के माध्यम से विकसित किसी भी बौद्धिक संपदा के लिए संयुक्त बौद्धिक संपदा अधिकार दिया गया और इस सहयोग से तैयार होने वाले उत्पाद से भविष्य में होने वाली कमाई के मुनाफे को दोनों के बीच 50-50 प्रतिशत बांटने का प्रावधान किया गया.”
रिपोर्ट में आरोप लगाया गया है, ‘‘प्रथम दृष्टया ऐसा प्रतीत होता है कि नरेश कुमार ने अखिल भारतीय सेवा (आचरण) नियमों का उल्लंघन किया है और अपने पद का इस्तेमाल सरकारी खजाने को नुकसान पहुंचाकर अपने बेटे की कंपनी को लाभप्रद सहयोग उपलब्ध कराने के लिए किया.” इसमें एमओयू को तुरंत रद्द करने की अनुशंसा भी की गई है.
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