Arvind Kejriwal Bail Supreme Court Justice Ujjal Bhuyan Says CBI Shouldn’t Be A Caged Parrot
Arvind Kejriwal Bail: दिल्ली शराब नीति से जुड़े सीबीआई केस में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को शुक्रवार, (13 अगस्त) को जमानत मिल गई. इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई (CBI) की गिरफ्तारी को नियमों के तहत बताया है. सुनवाई के दौरान अरविंद केजरीवाल को जमानत देते हुए जस्टिस भुइयां ने अहम टिप्पणी भी की.
दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल को जमानत देते हुए जस्टिस भुइयां ने फैसला पढ़ते वक्त ये भी कहा, “सीबीआई की गिरफ्तारी शायद केवल ईडी मामले में केजरीवाल को जमानत देने में बाधा डालने के लिए की गई थी. जमानत मिलने के बावजूद केजरीवाल को जेल में रखना न्याय का मजाक उड़ाना होगा. गिरफ्तारी की ताकत का इस्तेमाल बहुत सोच समझकर किया जाना चाहिए.”
“जमानत नियम है और जेल अपवाद – सुप्रीम कोर्ट
जस्टिस भुइयां ने कहा, “मेरा निष्कर्ष समान है. मैं गिरफ्तारी की ज़रूरत पर बात करूंगा. यह धारणा बदलनी चाहिए कि सीबीआई पिंजरे में बंद तोता है.” जस्टिस भुइयां ने अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी के समय पर सवाल उठाया है. जस्टिस भुइयां बोले, “जमानत नियम है और जेल अपवाद है. सभी अदालतों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि अभियोजन और मुकदमे की प्रक्रिया अपने आप में सजा का रूप न बन जाए.”
गिरफ्तारी के तरीके पर SC ने उठाए सवाल
अपने फैसले में जस्टिस भुइयां ने सीबीआई की ओर से दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार करने के समय और तरीके पर सवाल उठाए हैं. उन्होंने कहा, “असहयोग का मतलब खुद को दोषी ठहराना नहीं हो सकता. इसलिए इस आधार पर सीबीआई की ओर से केजरीवाल की गिरफ्तारी अस्वीकार्य मानी जाती है.”
मजिस्ट्रेट की अनुमति से दूसरे केस में हिरासत में लेना कोई गलत नहीं
जस्टिस सूर्यकांत ने फैसला पढ़ते हुए कहा,’ मामले में 3 मुद्दे तय किए गए हैं. हमने गिरफ्तारी की वैधता और रिहाई के आवेदन पर विचार किया है. यह भी देखा है कि चार्जशीट दाखिल हो जाने से क्या अंतर पड़ा है. न्यायिक हिरासत में रहते हुए मजिस्ट्रेट की अनुमति से दूसरे केस में पुलिस हिरासत में लिए जाने में कोई गलती नहीं है.