Army Chief Upendra Dwivedi Launches Portable Multi Target Detonation Device Remote Weapon Agniastra in Gangtok
Remote Weapon Agniastra: मेड इन इंडिया को बढ़ावा देते हुए भारतीय सेना के इंजीनियर्स ने खतरनाक हथियार तैयार किया है. जिसका नाम अग्निअस्त्र है. आर्मी चीफ उपेंद्र द्विवेदी ने बीते दिन शुक्रवार (12 अक्टूबर) को गंगटोक में सेना कमांडरों के सम्मेलन के दौरान पोर्टेबल मल्टी-टारगेट डेटोनेशन डिवाइस “अग्निअस्त्र” को लॉन्च किया.
इस डिवाइस को भारतीय सेना के कोर ऑफ इंजीनियर्स के मेजर राजप्रसाद आरएस ने डेवलप किया है. इस डिवाइस में रूम इंटरवेंशन, रिमोट बंकर या हाइडआउट को नष्ट करने और रिजर्व को ध्वस्त करने जैसे आतंकवाद विरोधी ऑपरेशनों में उपयोग की जबरदस्त क्षमता है.
जानिए कितना ताकतवर है अग्निअस्त्र?
यह डिवाइस इस साल की शुरुआत में हासिल की गई अचीवमेंट्स पर आधारित है. 19 मार्च को मेजर राजप्रसाद के इनोवेशन को पेटेंट प्रदान किया गया. यह पोर्टेबल मल्टी-टारगेट डेटोनेशन डिवाइस को WEDC के नाम से भी जाना जाता है.
इसे विशेष रूप से मल्टीपल-टारगेट डेटोनेशन की सुरक्षा और विश्वसनीयता में सुधार करने के लिए डिज़ाइन किया गया था, जो पहले इस्तेमाल किए जाने वाले एक्सप्लोडर डायनेमो कैपेसिटर की सीमाओं को पार करता है, इसकी लिमिट 400 मीटर थी. वहीं, अग्निअस्त्र नई सिस्टम के तहत तैयार किया गया है. जिसमें एक माइक्रोप्रोसेसर-आधारित इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस है जो 2.5 किलोमीटर की बेहतर रेंज के साथ वायर्ड और वायरलेस दोनों मोड में काम कर सकती है.
“#IndianArmy: Committed to Innovation”#GeneralUpendraDwivedi #COAS on 11 October 2024, launched “Agniastra”, a multi target portable detonation device that has been developed in house by Major Rajprasad RS of #IndianArmy. The equipment has been developed through ToT through the… pic.twitter.com/QfUGOzbKIv
— ADG PI – INDIAN ARMY (@adgpi) October 12, 2024
कितना प्रभावी है ये डिवाइस
पोर्टेबल मल्टी-टारगेट डेटोनेशन डिवाइस कई लक्ष्यों पर चुनिंदा और एक साथ फायरिंग की अनुमति देता है, जिससे यह सुरक्षित दूरी से विध्वंस कार्यों के लिए अत्यधिक प्रभावी हो जाता है. बता दें कि मेजर राजप्रसाद का इनोवेशन आतंकवाद विरोधी अभियानों और IED विस्फोट में अहम रोल अदा करता है, बड़े मिशनों में सैनिकों के लिए सुरक्षा कवच बनता है.
दरअसल, गुरुवार को जनरल द्विवेदी ने सिक्किम में सेना कमांडरों के सम्मेलन (ACC) की अध्यक्षता की. सम्मेलन का उद्देश्य “वर्तमान ऑपरेशनल तैयारियों की समीक्षा करना, महत्वपूर्ण रणनीतियों पर विचार-विमर्श करना और भविष्य के निर्देशों की रूपरेखा तैयार करना” था, जिसमें भारतीय सेना में नेशनल सिक्योरिटी और टेक्नोलॉजिकल एडवांसमेंट पर जोर दिया गया.
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