AMU Minority Status AIMIM Chief Asaduddin Owaisi Targets Modi Govt Says Hate Against Muslim Shown
Asaduddin Owaisi On AMU Minority Status: केंद्र सरकार के अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (AMU) का अल्पसंख्यक दर्जा वापस लेने के फैसले पर असदुद्दीन ओवैसी ने प्रतिक्रिया दी है. इस दौरान उन्होंने मोदी सरकार पर मुसलमानों से नफरत करने का आरोप लगाया.
ऑल इंडिया मजलिस इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) चीफ ने कहा, “मोदी सरकार एएमयू को अल्पसंख्यक दर्जा देने का यह कहकर विरोध कर रही है कि यह एक राष्ट्रीय संस्थान है, जबकि संविधान का अनुच्छेद 30 अल्पसंख्यकों की खुद से स्थापित और प्रशासित किसी भी संस्था को प्रोटेक्ट करता है.”
उन्होंने कहा कि एएमयू शुरू से ही एक अल्पसंख्यक संस्थान रहा है. इसने भारत के विकास में काफी योगदान दिया है. मुसलमानों के प्रति मोदी सरकार की नफरत सबके सामने है. सरकार मुसलमानों को उच्च शिक्षा हासिल करने और उनके मुख्यधारा में शामिल होने को बर्दाश्त नहीं कर सकती.
केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट में रखा अपना पक्ष
उनका यह बयान ऐसे समय में आया है, जब सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार (9 जनवरी) को एएमयू के अल्पसंख्यक दर्जे के मामले में सुनवाई की. सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार ने कोर्ट में बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने 1967 के अजीज बाशा फैसले में कहा था कि विश्वविद्यालय अल्पसंख्यक संस्थान का दर्जा नहीं मांग सकता और एएमयू के अल्पसंख्यक दर्जे को लेकर पिछले सरकार का रुख इस फैसले के खिलाफ था.
The Modi govt is opposing AMU’s minority status saying that it is a “national institution.” Article 30 of the Constitution protects any institution is established and administered by minorities. From the very beginning, AMU has been a minority institution that has contributed to…
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) January 10, 2024
इस फैसले को पलटने के लिए केंद्र सरकार ने 1981 में एएमयू अधिनियम में संशोधन कर दिया. हालांकि, 2006 में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार के संशोधनों को रद्द कर दिया. इसके बाद एएमयू प्रशासन और तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने हाई कोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी.
2016 में केंद्र ने वापस लिया था समर्थन
केंद्र सरकार की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि AMU को न तो मुस्लिम अल्पसंख्यक ने स्थापित किया था और न इसे अल्पसंख्यक प्रशासित करते थे. बता दें कि साल 2016 में केंद्र सरकार ने अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी को अल्पसंख्यक दर्जे के लिए अपना समर्थन वापस ले लिया था.
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