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AMU के वीसी पद की रेस में थे तीन नाम, ऐसे हुआ नईमा खातून का चुनाव



<p style="text-align: justify;"><strong>Aligarh Muslim University:</strong> लंबे समय से अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के वीसी को लेकर चल रही कशमकश पर अब विराम लग चुका है. अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के वीसी को लेकर लंबे समय से तमाम तरह के कयास लगाए जा रहे थे. अब अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय को एक नया वीसी दे दिया है. पहली बार अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय वीसी पद की कुर्सी पर अब महिला बैठेंगी. यानी की अस्थाई तौर पर नियुक्त किए गए वीसी की पत्नी ही अब वीसी &nbsp;बनेंगी. नईमा खातून द्वारा अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के वीसी पद का चार्ज भी ले लिया है.</p>
<p style="text-align: justify;">इतिहास रचते हुए प्रोफेसर नईमा खातून ने महिला वीसी होने की इबारत लिख दी है. अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय ने अपने 103 साल के इतिहास में पहली बार एक महिला कुलपति की नियुक्त की है. एएमयू कार्यकारी परिषद (ईसी) और एएमयू कोर्ट ने अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के कुलपति की नियुक्ति के लिए तीन उम्मीदवारों का एक पैनल बनाया था. इन्हें राष्ट्रपति के पास भेजा गया था, जिसमें से प्रोफेसर नईमा खातून को एएमयू के कुलपति के रूप में नामित किया गया है.</p>
<p style="text-align: justify;">पैनल के नाम में &nbsp;कुल तीन नाम चयनित किये गये थे जिनमें प्रोफेसर एमयू रब्बानी, प्रोफेसर फैजान मुस्तफा और &nbsp;प्रोफ़ेसर नईमा खातून शामिल थी. एएमयू कुलपति पैनल में पहली बार किसी महिला को शामिल किए जाने से कैंपस की महिला शिक्षक और छात्राएं खुश हैं.&nbsp;</p>
<p style="text-align: justify;">बता दें कि एएमयू देश का एकमात्र शैक्षणिक संस्थान है जिसे अपने विश्वविद्यालय का कुलपति चुनने का अधिकार है. इसके लिए एएमयू कार्यकारी परिषद ने 30 अक्टूबर को कुल 20 उम्मीदवारों में से पांच उम्मीदवारों का एक पैनल तैयार किया था. इसमें से तीन उम्मीदवारों का एक पैनल 6 नवंबर को एएमयू कोर्ट के सदस्यों द्वारा तैयार किया गया था, जिसे राष्ट्रपति द्वारा नियुक्त किया गया था.</p>
<p style="text-align: justify;">कुलपति की नियुक्ति के लिए तीन उम्मीदवारों के पैनल का गठन प्रोफेसर नईमा खातून को कार्यवाहक कुलपति बनाने को लेकर पहले दिन से ही सवालों से घिरा हुआ था. कुलपति पद के उम्मीदवार चांसलर प्रोफेसर मोहम्मद गुलरेज़ ने न केवल अपनी पत्नी नईमा खातून को वोट दिया बल्कि पैनल बनाने के लिए विशेष बैठक की अध्यक्षता भी की. इसके खिलाफ मामला विश्वविद्यालय परिसर से लेकर राष्ट्रपति और इलाहाबाद हाई कोर्ट तक चला गया.</p>
<p style="text-align: justify;">इलाहाबाद हाई कोर्ट में आखिरी सुनवाई 15 अप्रैल को हुई थी और अगली सुनवाई 29 अप्रैल को होनी है. फिलहाल अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय की वीसी के पद पर नईमा खातून को पदासीन कर दिया गया है.&nbsp;</p>
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