Amit Shah Said Not Against English, But Children In India Should Learn – अंग्रेजी के खिलाफ नहीं, लेकिन भारत में बच्चों को मातृभाषा के साथ हिंदी भी सीखनी चाहिए : अमित शाह
गृह मंत्री ने कहा कि वह अंग्रेजी के खिलाफ नहीं हैं, क्योंकि भारत एक ऐसा देश है, जो किसी भी प्रकार के ज्ञान का विरोध नहीं कर सकता. उन्होंने कहा, ‘‘सभी भारतीय भाषाओं को संरक्षित और संवर्धित करना आपकी जिम्मेदारी है, क्योंकि उनमें हमारी संस्कृति, इतिहास, साहित्य और व्याकरण समाहित है. हमें अपनी भाषा को मजबूत बनाना है. राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 का एक महत्वपूर्ण पहलू बच्चों को उनकी मातृभाषा में पढ़ाना है.”
शाह ने कहा, ‘‘मेरा मानना है कि बच्चों को अंग्रेजी के साथ-साथ फ्रेंच, जर्मन जैसी भाषाएं भी सीखनी चाहिए, लेकिन गुजरात के बच्चे को गुजराती और हिंदी दोनों सीखनी चाहिए, असमिया को असम की भाषा और हिंदी दोनों सीखनी चाहिए और तमिल को तमिल और हिंदी दोनों सीखनी चाहिए. अगर ऐसा होता है, तो फिर हमारे देश को आगे बढ़ने से कोई नहीं रोक सकता.”गृह मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान स्थापित इस संस्थान (आईआईटीई) का उद्देश्य पूर्वी और पश्चिमी शैक्षिक दर्शन को एकजुट करना था.
उन्होंने कहा, ‘‘संस्कृत उन चार पेपर में से एक है, जो आपको पढ़ाए जाते हैं… मैं आपसे अनुरोध करूंगा कि आपने यहां संस्कृत का जो भी बुनियादी ज्ञान प्राप्त किया है, उसमें संवर्धन करें. पूरी दुनिया में यदि कोई एक जगह है, जहां ज्ञान का भंडार एकत्र किया गया है, तो वह हमारे उपनिषद, वेद और संस्कृत हैं. एक बार जब आप इनका अध्ययन कर लेंगे, तो जीवन की कोई भी समस्या आपके लिए समस्या नहीं रहेगी.” शाह ने कहा कि वेद सिखाते हैं कि अच्छे विचारों को यह सोचे बिना ग्रहण करना चाहिए कि ज्ञान कहां से आया है.
उन्होंने कहा, ‘‘हमें यह देखना चाहिए कि ज्ञान समाज, लोगों, दुनिया और ब्रह्मांड के लाभ के लिए है या नहीं, इसकी परवाह किए बिना कि वह कहां से आया है.” केंद्रीय मंत्री ने कहा कि हमारे प्राचीन भारतीय शैक्षिक दर्शन को आधुनिक आयाम से जोड़ना महत्वपूर्ण है. उन्होंने कहा कि ज्ञान और विज्ञान के क्षेत्र में कई बदलाव हुए हैं और हमें बदलावों को समझना चाहिए और दोनों को एकीकृत करके एक संपूर्ण शिक्षा प्रणाली बनानी चाहिए. शाह ने कहा कि शिक्षा का मतलब बच्चे को सही रास्ता दिखाना और उसका मार्गदर्शक बनना है.संस्थान से कुल 2,927 छात्रों ने स्नातक किया.
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(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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