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Amit Shah Hails Abdul Kalam, Says Nation Advancing In Space Tech Under PM Modis Leadership – PM मोदी के नेतृत्व में देश की अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी में ऊंची छलांग, जिसका स्वप्न कलाम ने देखा था: अमित शाह



कलाम ने भारत को निर्देशित मिसाइलों के मामले में आत्मनिर्भर बनाया. उन्होंने 1998 में पोखरण में अग्नि और पृथ्वी मिसाइलों का सफल प्रक्षेपण और परमाणु बमों का सफल परीक्षण किया. डीआरडीओ (रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन) और इसरो (भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन) को नई दिशा देने के लिए कलाम का नाम सुनहरे अक्षरों में लिखा जाएगा. 

शाह ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में हमारे छात्रों, युवाओं और उनके स्टार्टअप के लिए अंतरिक्ष विज्ञान में अवसर खुले हैं. एपीजे अब्दुल कलाम का अंतरिक्ष विज्ञान में उपलब्धियों का सपना प्रधानमंत्री मोदी के नवाचारों और नई पहलों से पूरा होगा. मुझे विश्वास है कि भारत अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में पूरी दुनिया में नेतृत्व करेगा.”

उन्होंने कहा कि दिवंगत राष्ट्रपति के पदचिह्नों पर चलकर प्रधानमंत्री के नेतृत्व में देश ने 55 अंतरिक्ष यान, 50 प्रक्षेपण यान अभियान शुरू किए तथा 11 छात्र उपग्रह प्रक्षेपित किए.

शाह ने रेखांकित किया कि एक ही उड़ान में रिकॉर्ड 104 उपग्रहों (पीएसएलवी-सी37, ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान से) को प्रक्षेपित किया गया और एक उपग्रह के पुनः प्रवेश (पृथ्वी के वायुमंडल में) का प्रयोग भी सफलतापूर्वक पूरा किया गया. 

शाह ने कहा, ‘‘मेरा विश्वास है कि भारत डॉ.कलाम के सपने को पूरा करेगा और भारत निश्चित तौर पर अंतरिक्ष क्षेत्र में नेतृत्व करेगा.”

शाह ने यहां शुक्रवार को एक रैली को भी संबोधित किया और भाजपा की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष के अन्नामलाई की राज्य भर के लिए पदयात्रा ‘मेरी जमीन, मेरे लोग’ को रवाना किया। रामेश्वरम दिवंगत राष्ट्रपति कलाम (1931–2015) का गृह स्थान है.

गृह मंत्री ने कहा कि रॉकेट और अंतरिक्ष के क्षेत्र में भारत के लिए कई उपलब्धियां हासिल करने वाले कलाम ने राष्ट्र के प्रति अपना दृष्टिकोण जनता के समक्ष रखा. उन्होंने कहा ‘इंडिया 2020 विजन फॉर द न्यू मिलेनियम’ पुस्तक में कलाम ने भारत के विकास का दृष्टिकोण प्रस्तुत किया.

उन्होंने कलाम की जीवन यात्रा पर प्रकाश डालते हुए कहा कि पूर्व राष्ट्रपति ने शुरुआत ‘समाचार पत्र’ बेचने से की थी, लेकिन बाद में अपने कार्यों से उन्होंने प्रसिद्धि प्राप्त की और देश में सर्वोच्च पद भी पहुंचे.

कलाम के सिद्धांतों पर चर्चा करते हुए शाह ने कहा कि जब कलाम राष्ट्रपति थे तब एक बार कुछ लोग नौ दिन तक राष्ट्रपति भवन में रुके थे, राष्ट्रपति ने उनके रुकने के खर्च के एवज में सरकार को 9.52 लाख रुपये दिए थे। हालांकि नियम के मुताबिक वे लोग सरकारी अतिथि थे.

कलाम की विनम्रता की प्रशंसा करते हुए शाह ने कहा कि वह एकमात्र राष्ट्रपति थे जो केवल दो सूटकेस के साथ राष्ट्रपति भवन आए और पद छोड़ने के बाद उतने सामान के साथ लौटे. 

‘डॉ एपीजे अब्दुल कलाम, मेरोरीज नेवर डाई’ नाम से प्रकाशित किताब में डॉ.कलाम की रामेश्वरम के छोटे से शहर से शीर्ष संवैधानिक पद पर पहुंचने तक की यात्रा का उल्लेख है. इस किताब के मुख्य लेखक डॉ.वाई एस राजन प्रख्यात वैज्ञानिक हैं जिन्होंने पूर्व राष्ट्रपति के साथ काम किया है. इनके अलावा कलाम के भाई मोहम्मद मुथु मीरन मराइकयार की बेटी डॉ.नजमा मरियाकायर सह लेखक हैं. श्रीप्रिया श्रीनिवास ने इस किताब का अंग्रेजी में अनुवाद किया है. 

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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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