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केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार (29 मार्च) को राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए कहा कि लोकसभा में बोलने के लिए मिले समय पर वह वियतनाम में थे. दरअसल नेता विपक्ष ने आरोप लगाया था कि उन्हें संसद में बोलने नहीं दिया जाता है. वह जब भी बोलने के लिए खड़े होते हैं, उनका माइक बंद कर दिया जाता है.
अमित शाह ने कर्नाटक में कांग्रेस सरकार द्वारा सरकारी ठेकों में चार प्रतिशत आरक्षण देने को मुसलमानों के लिए ‘लॉलीपॉप’ बताया. ‘टाइम्स नाउ समिट 2025’ में बोलते हुए शाह ने कहा कि धर्म के आधार पर कोई भी आरक्षण संविधान का उल्लंघन है और अदालतें इसे खारिज कर देंगी. उन्होंने कहा कि हम धर्म के आधार पर किसी भी प्रकार के आरक्षण का पुरजोर विरोध करते हैं.
संसद में बोलने के नियम होते हैं: गृहमंत्री
संसद के कामकाज की राहुल गांधी द्वारा की गई आलोचना पर गृहमंत्री ने कहा कि लोकसभा में विपक्ष के नेता शायद यह नहीं जानते कि सदन में बोलने के नियम हैं, जिन्हें मनमर्जी से नहीं चलाया जा सकता. उन्होंने कहा, ‘बजट पर चर्चा में उन्हें (राहुल गांधी) 42 प्रतिशत समय दिया गया. अब यह उन पर निर्भर है कि वे तय करें कि कौन बोलेगा.’
जब संसद में चर्चा हो रही थी तब वो वियतनाम में थे: शाह
शाह ने कहा, ‘लेकिन जब संसद में गंभीर चर्चा हो रही थी, तब वह वियतनाम में थे और जब वह वापस लौटे तो उन्होंने अपनी इच्छा के अनुसार बोलने पर जोर देना शुरू कर दिया.’ उन्होंने कहा कि संसद नियमों और प्रक्रियाओं के अनुसार चलती है न कि कांग्रेस पार्टी की तरह, जिसे एक परिवार चलाता है और जहां आप जब चाहें बोल सकते हैं.’
अगर आपातकाल होता तो वे जेल में होते: अमित शाह
देश में आपातकाल जैसे हालात होने संबंधी कांग्रेस के आरोप के बारे में पूछे जाने पर शाह ने कहा कि विपक्षी पार्टी सरकार की आलोचना करती रहती है. उन्होंने कहा, ‘अगर आपातकाल होता तो वे (कांग्रेस नेता) जेल में होते.’ कांग्रेस की जाति आधारित गणना की मांग पर गृहमंत्री ने कहा कि विपक्षी पार्टी ने अतीत में खुद इस तरह की कवायद का विरोध किया था.