Amid ED summons to CM Hemant Soren 14 additional DSPs deployed in Ranchi ANN
Jharkhand News: झारखंड की राजधानी रांची में 29 जनवरी से अगले आदेश तक 14 डीएसपी की तैनाती की गई है. रांची एसएससी चंदन कुमार सिन्हा के आग्रह पर डीजीपी ने यह आदेश जारी किया है. जमीन घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के खिलाफ जारी ईडी की कार्रवाई के दौरान लॉ एंड ऑर्डर बिगड़ने की आशंका के मद्देनजर राजधानी रांची की सुरक्षा कड़ी की गई है. दरअसल, ईडी द्वारा मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को 10वां समन कर 27-31 जनवरी के बीच पूछताछ के लिए पेश होने के लिए कहने के बाद जेएमएम समर्थकों और कार्यकर्ताओं ने रविवार (28 जनवरी) को मोरहाबादी से राजभवन तक मार्च निकाला . सोमवार (29 जनवरी) को भी दिल्ली स्थित मुख्यमंत्री आवास में ईडी अधिकारियों के पहुंचने की खबर पर जेएमएम समर्थक रांची में जुटने लगे.
रांची में कौन कौन तैनात?
रांची एसएसपी के आग्रह पर डीजीपी (झारखंड) ने अनूप कुमार, ओम प्रकाश (रांची), मनोज कुमार (टाटीसिल्वे, रांची), हेलन सोय, तारामणि बारला, सुमन गिनी नाग, परवेज आलम (डीएसपी, होटवार), कमलेश सिंह, राधा प्रेम किशोर, अजय केरकेट्टा, वेंकटेश्वर रमण (विशेष शाखा) और तौकीर आलम, संदीप कुमार गुप्ता, राज किशोर (अपराध अनुसंधान) को रांची में प्रतिनियुक्त किया है.
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बाबूलाल मरांडी ने साधा निशाना
सीएम हेमंत सोरेन के दिल्ली में शांति निकेतन स्थित आवास पर सोमवार को ईडी की दबिश के बाद झारखंड के सियासी गलियारे में हलचल तेज है. भाजपा ने सीएम सोरेन पर भगोड़ा होने का आरोप लगा दिया है. पूर्व सीएम और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने कहा है कि राज्यपाल इस मामले में संज्ञान लेकर सोरेन को तलब करें और उनसे पूछें कि वे जांच एजेंसी से क्यों भाग रहे हैं? बाबूलाल मरांडी ने एक्स पर लिखा, “ईडी अधिकारियों के डर से मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन जी के लापता होने की सूचना न्यूज़ चैनलों के माध्यम से प्राप्त हो रही है. अगर इस खबर में सत्यता है तो, यह झारखंड के लिए संवैधानिक संकट की स्थिति है. महामहिम राज्यपाल जी से निवेदन है कि वो मामले का संज्ञान लेते हुए मुख्यमंत्री को तलब कर जांच एजेंसी से भागने का कारण पूछें. झारखंड की साख और प्रतिष्ठा दांव पर है. अपनी इन हरकतों से हेमंत ने हमारे आदिवासी समाज की प्रतिष्ठा और गौरव को मिट्टी में मिलाने का काम किया है.”
बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष ने आगे लिखा, “झारखंड के डीजीपी ये जवाब दें कि मुख्यमंत्री हेमंत सुरक्षा प्रोटोकॉल तोड़कर रात को कैसे बाहर निकलकर भाग सकते हैं? सीएम की सुरक्षा में लगे कर्मियों को बर्खास्त करें और तत्काल मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन जी को सुरक्षित रूप से हाजिर करें. आखिर एक राज्य का मुख्यमंत्री भगोड़ा कहलाने का पाप कैसे कर सकता है? शर्मनाक!”
बीजेपी पर जेएमएम का पलटवार
झारखंड मुक्ति मोर्चा ने बाबूलाल मरांडी के बयान पर पलटवार किया है. पार्टी के महासचिव और प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा है कि बाबूलाल मरांडी को अगर सीएम हेमंत सोरेन से अपॉइंटमेंट चाहिए तो लिखित आवेदन दें. हमारी कोशिश होगी कि उनकी जल्द सीएम से मुलाकात करा दी जाए.