Alleged Torture Of Woman At Odisha Police Station Ex Army and CBI Chiefs Clash
Alleged Torture Of Woman At Odisha Police Station: ओडिशा के एक पुलिस स्टेशन में सेना के एक अधिकारी की मंगेतर के साथ कथित तौर पर अत्याचार और यौन उत्पीड़न के मामले में रिटायर्ड सेना प्रमुख जनरल वीके सिंह और पूर्व सीबीआई निदेशक एम. नागेश्वर राव आमने-सामने हैं.
15 सितंबर 2024 की रात भुवनेश्वर में हुई इस घटना को लेकर जनरल वीके सिंह ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में सेना के एक अधिकारी की मंगेतर के साथ हुए व्यवहार को “शर्मनाक और भयावह” बताया. जनरल सिंह ने ओडिशा पुलिस की ओर से स्थिति को संभालने की निंदा की और इसमें शामिल अधिकारियों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की मांग की.
क्या कहा जनरल वीके सिंह ने
जनरल सिंह ने अपने पोस्ट में लिखा, “सभी को सेवानिवृत्त सेना अधिकारी की बेटी की बात सुननी चाहिए. ओडिशा के भरतपुर पुलिस स्टेशन में उसके साथ जो हुआ वह शर्मनाक है. ओडिशा के मुख्यमंत्री को पुलिसकर्मियों और वर्दीधारी अपराधियों को बचाने वालों के खिलाफ त्वरित कार्रवाई करनी चाहिए.”
विरोध में उतरे एम. नागेश्वर
वहीं, वीके सिंह के इस पोस्ट पर जवाब देते हुए पूर्व सीबीआई निदेशक और ओडिशा कैडर के आईपीएस अधिकारी एम. नागेश्वर राव ने अपनी असहमति जताई. राव ने सेना अधिकारी और उनकी मंगेतर पर नशे में होने के साथ ही अनुचित व्यवहार करने का आरोप लगाया. उन्होंने लिखा, “एक सेना अधिकारी और उनकी मंगेतर ने शराब पीकर देर रात शहर में गाड़ी चलाई. वे इंजीनियरिंग छात्रों के साथ झगड़े में शामिल थे और बाद में भरतपुर पुलिस स्टेशन में हंगामा किया. जब उनसे मेडिकल जांच और ब्लड टेस्ट कराने के लिए कहा गया, तो उन्होंने इनकार कर दिया, जो जांच का एक सामान्य हिस्सा है.”
पूर्व सीबीआई प्रमुख ने किया पुलिस का बचाव
एम. नागेश्वर राव ने पुलिस का बचाव करते हुए कहा कि ओडिशा पुलिस, जो 600 से अधिक पुलिस स्टेशनों का प्रबंधन करती है, के पास सेना कर्मियों सहित आगंतुकों के साथ दुर्व्यवहार करने का कोई कारण नहीं था. राव ने जनरल सिंह से अपने रुख पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया, साथ ही कहा कि किसी एक सेना अधिकारी के कार्यों के लिए पुलिस की आलोचना करना अनुचित है.
वीके सिंह से किया ये आग्रह
राव ने आगे लिखा, “सेना के पूर्व प्रमुख और केंद्रीय मंत्री की ओर से सेना के अधिकारी और उनकी मंगेतर के कथित शराबी दुर्व्यवहार के लिए निष्कर्ष पर पहुंचना और पुलिस की आलोचना करना उचित नहीं है. हालांकि, मैं एक व्यक्ति के कार्यों के आधार पर भारतीय सेना के अनुशासन पर सवाल नहीं उठाऊंगा. मैं सेना से आग्रह करता हूं कि वह एक सैनिक के अनुचित आचरण के लिए इस अधिकारी के खिलाफ उचित कार्रवाई करे.”
क्या है मामला
बता दें कि इस मामले में पीड़िता का आरोप है कि जब वह और उनके मंगेतर ने रोडरेज की घटना के बारे में शिकायत दर्ज कराने का प्रयास किया तो भरतपुर पुलिस स्टेशन के अंदर उनके साथ कथित तौर पर मारपीट की गई और उनका यौन उत्पीड़न किया गया. सेना अधिकारी को पुलिस ने कथित तौर पर अवैध रूप से हिरासत में लिया था.
ये भी पढ़ें